शायद इश्क़ तो नहीं किया मगर चाहतें तमाम हैं
इस कलम के फकीर का आप सभी को सलाम है-
4 SEP 2017 AT 22:10
19 OCT 2019 AT 20:12
जूगनूओं के हाथों पयाम़ भेजा है ।
खत में आखिरी सलाम भेजा है ।
बड़ा बेचैन सा था, दिल कुछ दिनों से ।
उनकी नामंजूरी ने आराम भेजा है ।
जूगनूओं के हाथों पयाम़ भेजा है ।।
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5 NOV 2019 AT 8:42
आसानी से मिल जाये वो हसरत कैसी
और दुश्मन न करे सलाम तबतक शोहरत कैसी-
22 FEB 2018 AT 22:01
खुशबू सी आने लगी इन सर्द हवाओं में भी
ये सोचा ही नहीं आपका सलाम आया है अभी..!-
7 DEC 2019 AT 10:34
तुम भी एक सिकंदर हो बुजदिली का न नाम दो
ज़िन्दगी जीनी है तो अपने मक़सद को अंजाम दो
डगर बहुत कठिन है पहले ही सोच के बैठे हो
बाहर निकलो यार राह की ठोकरों को सलाम दो-
30 SEP 2020 AT 11:07
मत पूछिए किस हद तक इश्क़ का एहतराम किया
उसके बाद उसके बच्चों को भी सलाम किया-
16 JUL 2021 AT 10:19
जिन्होंने हमें ठुकराया उन्हें हजारों सलाम
उन्हीं की बदौल लिखे हैं हमने लाखों कलाम-
12 JUL 2020 AT 19:12
मुड़ के जो देखा उनकी तरफ,
इत्तेफ़ाक से उनका सलाम दिखा,
हमनें उठा कर फ़िर कागज-क़लम,
उस नज़राने को 'कमाल' लिखा ।-