जब मैं ग़रीबों को खाना देता हूँ, तो वे मुझे संत कहते हैं
जब मैं पूछता हूँ कि ग़रीबों के पास खाना क्यों नहीं है
तो वे मुझे कम्युनिस्ट कहते हैं-
चतुर्मास वो पर्व है, संत करें विश्राम
प्रकृति करती है सृजन, संग रति और काम-
डूब गया हूँ मैं, इसलिए डुबकी है ज़रुरी।
मोक्ष की प्राप्ति या, पाप-पुण्य का बैराग।
अनुशिर्षक:====>-
चोरी की झूठी अफ़वाह फैलाकर रचा गया षड्यंत्र,
दो दिव्य संतो को भीड़ ने मार डाला पीट-पीटकर-
प्रेम धन जो पाइलो, तैं भूल जाबौगे पीर |
संत संगत है प्रेम की, जहाँ बस प्रीति की होबै भीर ||-
एकांत की अशांति हम सह नहीं सकते
संतों की भाँति हम एकांकी रह नहीं सकते-
Panch Vartman,
Five codes of behavior are..
1. Nirlobh (devoid of Greed)
2. Nishkam
(devoid of sexual passion)
3. Nisswad (devoid of desire for tasty foods)
4. Nissneh(devoid of attachment to body and bodily relations)
5. Nirman (devoid of ego)
"By gainin victory over the five
sins one becomes victotriou over all sins".
The manifest idol of Panch vartman in this materialistic world is only sant (संत). Who dedicates his entire life to the welfare of the world.
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नहीं किसी के प्रेम का, करना ऐसा अंत
न ही मैं शैतान बना, बन न पाया संत-
कोई सन्त नही जिसका कोई अतीत ना हो,
कोई पापी नही जिसका कोई भविश्य ना हो ।
- एक संत (हैड़ा खान बाबाजी)
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