एक "सुख" के एवज़ में
भले दुनियां जहान खो जाऊं,
तुम रखो धन दौलत अपने पास
मैं केवल "श्रवण कुमार" हो जाऊं.....-
"बाप अगर धृतराष्ट्र होगा
तो बेटा दुर्योधन निकलेगा ही।
श्रवण कुमार
हस्तिनापुर में नहीं
अवध में ही
पैदा हो सकते हैं।"
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मुसीबत भरे इस दौर में वो खुद्दार नज़र आया है
सुना!आज सड़क पर"श्रवण कुमार"नज़र आया है।-
सुनो भाले लाठी वाले मराठी,
होंगे तुम वीर शिवाजी के वंसज
याद रखना
करी कृपा जिनपे, बाँके बिहारी
कहलाये जन्म से ,वो बिहारी-
हर एक माता पिता अपने औलादों को बड़े ही लाडप्यार से पाल रहे हैं,
पर माता पिता को अपने औलादों में कोई एक श्रवण कुमार नजर नहीं आ रहे हैं.-
हमारी संस्कृति हमारी पहचान होती है। किसी भी राष्ट्र की पहचान के पहलूओं मे उसकी संस्कृति भी महत्वपूर्ण होती है। भारत सदियो से अपनी संस्कृति और विरासत के लिए विश्व धरातल पर जाना जाता है।
पूरे यत्न से संस्कृति इतिहास की रक्षा करनी चाहिए इतिहास और अपना प्राचीन गौरव नष्ट कर देने से विनाश निश्चित हैं-