"आप भारत से बाहर क्यों नहीं जाते हैं?"
"माँ की गोद से कौन उतरना चाहता है।"-
सींचा जिसको खून से, करे विदेस में ठाठ,
बूढ़ी अँखियों को मिले, अँसुअन की सौगात...-
तुम विदेश घूमने वाली पासपोर्ट कोई ।
मैं रद्दी - सा फटा राशन कार्ड प्रिये ।।-
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
अंग्रेजी में जब तक दोगे तुम बधाई संदेश
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
गुलामों सा हो गया सबका खान पान और वेश
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
पढ़ लिख कर जब यहाँ के युवा जा बसते विदेश
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
गली गली जब काटे जा रहे देखो गौ और मेष
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
जब कहूँ मैं स्वयं को हिन्दू किसी को लग जाये ठेस
कैसे मानूँ मैं स्वतंत्र हो गया देश
कोर्ट में साबित करते ख़ुद को मंदिरों के अवशेष-
✍️पागलों की दशा✍️
कभी, सडक़ किनारे सोते हुए
पागलों के बारे में सोचा है?...
भले ही वे घृणित लगते हों
पर हैं तो मानव ही।...
एक तरह से देखा जाए तो
कोई उनकी नहीं सोचता ढंग से।...
आप, मैं, सरकार और सभी।...
हम मानवों का क्या हम बस
अपना एवं परिवार का देखने
को आदी हो गए हैं, जो रहेगा भी।...
मतलबी तो मैं खुद भी हूँ जो उनके
लिए कुछ सोचा पर कर न सका।...
😥😥😥😥😥🤘🤘-
विदेश की वात क्या लगी,
बेटे ने बात करना छोड़ दी..
वात -- वायु
बात -- बातचीत-
सात समुन्दर पार गए तुम छोड़ कर अपना देश ,
चन्द नोटों की ख़ातिर देखो तुमने बना लिया क्या भेष।
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खुली की खुली वो आंखें तकती रही..!!
विदेश में बसे अपने दिल के कलेजे को जीती रही..!!
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