जिंदगी होकर गुजरता है,
ठोकर देकर समझाता है,
गिरता हूं संभालता है,
उतार चढ़ाव का हर किस्सा सुनाता है,
थक जाता हूं गर राहों में,
मुस्कुराकर फिर से ,
आगे बढने की प्रेरणा देता है,
पर रुकता कहीं नहीं है।
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अलविदा,
पुष्प की तरह,
मुस्कुराना सीखो,
तिमिर के बादलों से,
तजकर उदासी,
चमककर,
राह को मंज़िल का
पता बताना सीखो,
बहुत हो गया ,
व्यर्थ में समय गवाना,
समय के अश्व को ,
संभालना सीखो,
अनर्थ से जीवन को ,
अर्थ देना सीखो,
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देख रहा है ख़्वाब,
अंधेरे से उजाला,
कोई तो राह होगी
देगी पता मंजिल का,
हवाएं भी मिलेंगी,
सनसनाती तासीर लिए,
बवंडर भी मुस्कुराएगा,
देख तेरे डगमगाते कदमों को,
तुझे घबराना नहीं,
डटे रहना है,
उलझन गर है,
सुलझन का मुस्कुराता,
कोई हल अवश्य होगा,
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गुजरा तुम्हारे महलों से, शाम हो गई,
आसमां बरसा बादलों से , नदियां नम हो गई।
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राहों की कहानी को अपना बनाना होगा,
गिरकर फिर से उठे हैं उन्हें समझना होगा,
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रात अकेली सड़क नवेली,
घना अंधेरा जंगल भतेरा,
देखा किसी अबला का इशारा,
सोचा मुश्किल में है कोई मोहतरमा,
ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका,
झाड़ियों में मुझे नकाबपोशों ने घेरा,
मोबाइल पर्स सोने की चेन को खोया,
तब जाकर धोखे का सही मायना समझ आया।
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बहुत मुश्किल भरा,
समाज के चश्मे का सीसा बड़ा,
कहीं छुप जाता हूं,
तुम्हारे झूठे दिखावे की,
ऊंची हवेलियों की छांव में,
तो कही नजर आता हूं,
धुंधला जाता हूं,
दौलत की चौंध में,
रास्ता मुश्किल भरा रास्ता,
दिखता है दूर से फितरत भरा l
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जिंदगी के कुछ पल,
अनसुलझी पहेली के हल,
आसमा में तारो के संग,
कड़कती बिजली की तरंग,
उड़ती खुशबू खत के संग,
महकती गलियों में होली के रंग,
चाय की खुशबू दोस्तों के संग,
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और किसकी हिम्मत जो हमें पहचाने,
गर होते निशान गहरी चोट के,
नजर आते कुछ बयां करते,
पर दिल के जख्म किसको क्या कहें,
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