खामोशियां भी आवाज करती हैं,
दिल की धड़कनों से होकर जो गुजरती हैं।-
गुजरा तुम्हारे महलों से, शाम हो गई,
आसमां बरसा बादलों से , नदियां नम हो गई।
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राहों की कहानी को अपना बनाना होगा,
गिरकर फिर से उठे हैं उन्हें समझना होगा,
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रात अकेली सड़क नवेली,
घना अंधेरा जंगल भतेरा,
देखा किसी अबला का इशारा,
सोचा मुश्किल में है कोई मोहतरमा,
ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका,
झाड़ियों में मुझे नकाबपोशों ने घेरा,
मोबाइल पर्स सोने की चेन को खोया,
तब जाकर धोखे का सही मायना समझ आया।
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बहुत मुश्किल भरा,
समाज के चश्मे का सीसा बड़ा,
कहीं छुप जाता हूं,
तुम्हारे झूठे दिखावे की,
ऊंची हवेलियों की छांव में,
तो कही नजर आता हूं,
धुंधला जाता हूं,
दौलत की चौंध में,
रास्ता मुश्किल भरा रास्ता,
दिखता है दूर से फितरत भरा l
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जिंदगी के कुछ पल,
अनसुलझी पहेली के हल,
आसमा में तारो के संग,
कड़कती बिजली की तरंग,
उड़ती खुशबू खत के संग,
महकती गलियों में होली के रंग,
चाय की खुशबू दोस्तों के संग,
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और किसकी हिम्मत जो हमें पहचाने,
गर होते निशान गहरी चोट के,
नजर आते कुछ बयां करते,
पर दिल के जख्म किसको क्या कहें,
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तुम मुझे मिल गए,
राही से हमसफर बन गए,
धूप से फिर छांव हो गए,
ठहरी गंगा तो कदम रुक गए,
दो अस्थि कलश जब हम एक हो गए
बच्चे हमारे अब लड़ने लगे,
भूल कर हम को झगड़ने लगे,
देख कर सब ये अश्क बहने लगे,
थाम एक दूसरे का हाथ बढ़ने लगे,
छोड़ मोहमाया ब्रह्मांड में समा गए,-