QUOTES ON #लेखन

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9 OCT 2019 AT 6:00

''लिखने की जवाबदेही और किसी के प्रति चाहे न हो, अपने प्रति तो है । हम अपने होने की सार्थकता कहाँ ढूँढें ?"

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22 DEC 2020 AT 23:56

एक हिस्सा
जो खुद की कमाई का हो
उसे भी वार देता है वो

एक निवाला जिसपर
अधिकार सिर्फ उसका है
उसे भी छोड़ देता है वो

एक बिस्तर जहाँ
नींद के गुनगुने खावों में
अपनी आँखें मूंद देख सके
उसे भी छोड़ देता है वो

हँसी अपनी हाल पर
तरस खाती हो जिनके होंठ
के खातिर ताउम्र
सौतन बनाकर छोड़ देता है वो

वो सिर्फ घर के होते हैं
और घर के ही रह जाते हैं
इतना आसान नहीं है
घर का मुख्य ब्यक्ति होना।

जिंदगी हार जाती है
जिंदगी होने से
पर नहीं हारता वो

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24 MAY 2020 AT 8:00

मेरे मालिक मुझे ऐसा हुनर दे दे,
मेरी तहरीर में अर्शी असर दे दे।

सँवर जाएगी क़िस्मत हम ग़रीबों की,
मेरे मौला इनायत तू अगर दे दे।

नहीं कुछ सूझता हमको कहाँ जाएँ,
मेरे अल्लाह हमें अब चारागर दे दे।

बड़े बेफ़िक्र हैं हम सब फ़राइज़ से,
तू मज़लूमों की हर दिल को फ़िकर दे दे।

मैं लिक्खूँ इक ग़ज़ल हर दिल बदल जाए,
मुझे या रब कोई ऐसा बहर दे दे।

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23 MAY 2020 AT 3:14

अच्छा लिखने के लिए
अच्छा पढ़ना जरूरी है।
- राहत इन्दौरी


अच्छी कल्पना के लिए
अच्छी प्रेरणा जरूरी है।

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3 AUG 2021 AT 23:32

Just write the truth
with your thoughts
Even if it's fictional!"

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5 NOV 2019 AT 9:50

अना हि खोजन मैं चला, अना न मिलिया मोय
जो मन लिखिया आपना, ऐसा अना न कोय

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26 JUN 2021 AT 11:10

लेखन
अदब सिखाता है
विनम्र बनाता है
कभी तारे तोड़ता है
तो कभी आसमां झुकाता हैं
ये शब्दों से प्रेम समझाता है
पर प्रेम कहां किसी के समझ में आता है

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5 NOV 2019 AT 15:53

या गम लिखूँ
तू ही बता ऐ जिंदगी तुझपे क्या लिखूँ
लिखूँ तेरी चंद इनायतें या बेइंतहा दर्द लिखूँ
मेरा जब्त कहता खामोशी से तुझको गुजार दूँ
पर दर्द कहता हर नज्म में तुझपे इल्जाम लिखूँ
मुस्कुराती आँखें लिखूँ या दिल का रोना लिखूँ
अब तू ही बता ऐ जिंदगी मैं तुझ पे क्या लिखूँ

गोगी गुप्ता


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10 MAR 2021 AT 9:55

अब आईने मे भी विश्वास ना रहा यारो
दिल मे दर्द था तब भी चेहरा हस्ता हुआ
दिखा

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2 FEB 2022 AT 22:02

लेखन वो एक पंक्ति में जो वास्तविक सत्य
को अर्थ सहित आनंद मैं परिभाषित कर दें

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