Lalit Singh Verma   (Singh Saab)
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Joined 27 October 2018


Joined 27 October 2018
2 JUL 2023 AT 17:40

शून्य की ओर
(Read in caption)

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1 MAR 2022 AT 9:40

प्रेम की पराकाष्ठा का आज भी यहीं हाल हैं
यहाँ प्रत्येक गौरी के लिए एक महाकाल हैं— % &

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1 FEB 2022 AT 8:47

उनकी नजरो में अच्छे से ज्यादा बुरे हैं हम
शुरुआत से ही अधूरे हैं.. फिर भी पूरे हैं हम— % &

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26 JAN 2022 AT 8:24

सैंकड़ो किस्से, कहानियाँ उभर आती हैं अरमान में
लोग मरकर अमर हो जाते हैं कौमी तिरंगे की शान में

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11 JAN 2022 AT 15:40

आओ थामे हाथ शत्रु का
उनको भी साथ चलाए
भरकर चिंगारी सीने में
पानी से आग जलाए

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5 DEC 2021 AT 18:16

Love and hate are never forgotten.
They only sleep.

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20 NOV 2021 AT 20:25

इम्तिहानों को थोड़ा और मुश्किल बनाना पड़ेगा
एे जिंदगी..
हमें झुकाना हैं तो थोड़ा और दम लगाना पड़ेगा

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4 NOV 2021 AT 9:48

असत्य और अहंकार पर विजय
मर्यादा और अच्छे काम की हुई
दीपायमान हुई अयोध्या....
जब लंका मे जयघोष राम की हुई

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3 OCT 2021 AT 9:54

Covering up your demon, doesn't make you free from it. It's still inside.

If someone applies a fixed amount of pressure, it will roar again.

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4 SEP 2021 AT 7:06

बहुत दूर तक गए मिला प्रेम का छोर
लेकिन...
अब राह धैर्य से समर्पण की ओर

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