निखरने की कोशिश में ज़िन्दगी छोटी होती जा रही है ।
थक गया हूं ठोकरें खाते-खाते,
अब माँ के हाथ की रोटी खानी है ॥-
Dear modi ji
आवास की जगह अगर आप
अच्छे रोजगार दो तो हम भारतीय
एक साथ रहकर,अच्छा खा-पी
और पहन भी सकते हैं।।
अमीर तो नहीं पर गरीब भी नहीं कहलायेंगे..-
तुम्हारी नियत सही होती तो
नीतियों में असर दिखता•••••••••••••••••
कभी सिस्टम की गड़बड़ी
कभी हमे आपस मे उलझाना
थक गया है युवा तुम्हारे झूठ से
देख लेते गर हमारी संघर्ष को
आज युवा शर्मशार ना होता••••••••••••••
वक़्त बर्बाद ना करो ठेकेदारों तुम बैठ कर
लटक ना जाये कोई युवा रिजल्ट तक•••••••
कभी जो रौनक थे महफ़िल के
वो आज माँ से भी नही मिलता •••••••••••
तुम खुद को आगे तो लेके चले गए
पर हमें कहीं दूर पीछे छोड़ गए••••••••••••
कभी महंगाई ने मारा तो अपनो ने
तुम्हारे झूठ से हमारा घर नही चलता•••••••
किसे किसे मैं अपना वक़्त दु
चलो दे भी दिया मगर कब तलक
दोस्त छूट गए घर छूट गया और वो भी•••••
नीतियों के मारे है युवा हिम्मत न हारेंगे
मगर उनका क्या जिन्हें नियत ने मारा है••••
बेरोजगारों है हम हमे कुछ ना चाहिये
बस समय पर हमारी एग्जाम लीजिये•••••••
--------------- Danish(ppt)
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बेरोज़गारी का सावन हमने तुम्हारे शहर में भी देखा ।
नौजवान बिखरे पड़े हैं, सूखे पत्तों की तरह ॥ 🍁-
पकौड़े बेचने के बाद अब Facebook Page और YouTube Channel चलाने को भी प्रधानमंत्री रोजगार योजना में शामिल किया जायेगा।
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घर की दीवार भी अब टूट कर मुँह चिढ़ा रही,
बेरोजगारी के जश्न में सबको शरीक होना था।-
BJP की है मार
जीडीपी गिरी धड़ाम
5 ट्रिलियन का ख़्वाब
ये तो एक्ट ऑफ गॉड है सरकार
नोटबंदी जीएसटी ने क्या दिन दिखलाए
काले धन तो गए बिसराए
15 लाख की छोड़ो बात
रोजगार ही दे दो सरकार
झूठ प्रपंच की सुंदर रचना
आत्मनिर्भर भारत का सपना
भुखमरी गरीबी से देश निढ़ाल
मन की बात में मगन सरकार
सुन सको देश की असल समस्या
देख सको देश की अर्थव्यवस्था
अजी ये सब अदने से हैं काम
जोर से बोलो जय श्री राम-
जिन हाथों ने हमेशा किसी न
किसी पार्टी का झंडा ढोया है,
आंदोलन में तख्तियाँ ढोई हैं,
जो दुसरो के लिए नारा लगा
लगा कर आकाश फाड़ देते हैं,
जमीन फाड़ देते हैं
वह युवा इन हाथों में काम
कब पायेगा ?
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छलक न जाए पीड़ा मन की
निश्छलता का पंथ पकड़ लो, जो भी हो प्रतिकार न माँगो।
करो भले ही प्यार किसी से, प्यार के बदले प्यार न माँगो
Read my Caption's-
बेरोजगार हैं हम तो फ़र्क नहीं तुम्हें,
ख़ैर चुनाव आ रहा हैं, मतदान से तो फ़र्क पड़ेगा ही।
#रोजगार_नहीं_तो_मतदान_नहीं
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