QUOTES ON #रिश्वतखोरी

#रिश्वतखोरी quotes

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15 JUL 2017 AT 7:21

आज सौदागर मिले थें मौत के
गरीबी रिश्वतखोरी आरक्षण के चोले में
कोई किसान कोई पेंशन गाही कोई होनहार
बारी बारी सब जल रहे थे सब मुँह अँधेरे में

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23 AUG 2020 AT 9:44

रिश्वत लेते पकड़े जाने से बचने के लिए।
रिश्वत दे कर बचना पड़ता है।
वो क्या हैं न, ज़हर को ज़हर ही काटता है।

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13 JAN 2021 AT 12:28

" रिश्वत "

किस पर करे भरोसा _किसे कहें चोर..!
कई पुलिस भी बने हैं आजकल _यहाँ इंसानियत के चोर..!
न्याय कहाँ बाकी रहा _वो भी आजकल बिक रहा..!
रिश्वत वालों हाथों ने _न्याय का भी सौदा किया..!
होश रखों ! की वर्दी मिली है देश का हित करने के लिए..!
मत बिकाओ इसे ऐसे _सिर्फ़ चंद पैसों के लिए..!
लोग मुसीबतो में करते हैं याद _पुलिस जैसे रक्षक को..!
जब पुलिस ही रिश्वत लेने लगे _तो कौन दिलाएगा न्याय देश को..!
सच को झूठ और झूठ को सच _करवाता है ये रिश्वत..!
वर्दी का डर दिखाकर _सच्चाई को बेचता है ये रिश्वत..!
बंद करो ये रिश्वत लेना _कई अच्छो को इसने है गुन्हेगार बनाया..!
शर्म करो ओ वर्दी वालों _तुम्हारे ऐसे कर्म ने देश के रक्षकों का नाम हैं डुबोया..!

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8 FEB 2021 AT 14:59

रक्तबीज

शिवशंकर बाबू के सरकारी नौकरी से रिटायर हुए तीन महीने हो गए पर पेन्शन शुरू नहीं हुआ।
जिस अधिकारी के टेबुल पर उनके कागज़ात लंबित थे, वह एक ही बात कहता,
'कुछ वज़न रखिए, कागज़ात उड़ जाते हैं'

(पूरी कथा अनुशीर्षक में पढ़ें)

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4 MAY 2018 AT 18:34

वक्त ने आईने को भी रिश्वतखोर बना दिया ,
अभी-अभी दिल में हजार दर्द लिए उसके सामने बैठा ,
कम्बख्त मुझे ही मेरा चेहरा मुस्कुराता दिखा दिया ।

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23 JUL 2019 AT 16:46

हर आने वाली बला का अपनी आख़िरी साँस तक
हाँ माना कि अब घर के अंदर ही हैं हमारे शत्रु हज़ार
बलात्कारी, रिश्वतखोर, आतंकी कुछ नये चेहरे हैं शत्रु के
इनको ही अब हराना है,बस इक क़दम आगे
हम सब को बढ़ाना है,अपने ही घर में पैदा हुए इन शत्रुओं
को अपने ही हाथों अपने घर से बाहर भगाना है
आयेंगी अड़चने हज़ार,पर न मानेंगे हम हार ।।

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1 NOV 2020 AT 15:08

रिश्वतख़ोरो को ना तो
कुत्ता कहना
सही रहेगा..
ना ही भिखारी..
ये तो
गन्दी नाली के कीड़े होते हैं..।
जो रिश्वत की दलदल में पड़े हैं।

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28 JUN 2020 AT 21:28

"रपट"
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रपट लिखवाए गयल रहलन "बाबू लाल किशोर"
थाने में जातें हीं मचाये लगलन शोर
शोर मचाके बोललन "लिख ला कोई हमार रपट"
ई देख "थानेदार" गइलन "बाबू लाल" पे झपट
आंख लाल कर के बोललन का होयल बा तोहके
फ़रियाद सुनायी देलन पूरा "बाबू लाल" थोड़ा थोड़ा रोहके
थानेदार के डंडा देख हो गइलन "बाबू लाल" चुप
थानेदार चाल चललन घुमयिलन "बाबू" पे उलटा केस का लूप
उल्टा केस का लूप देख, बाबू लाल गयलन छुप
एक आईडिया दिमाग मे चमकल, मुँह उनकर सूजा
धीरे से सरकाई लो पैसा, कोई न देखे दूजा
छोड़ सारे धंधा करब सरकार आपहिं के पूजा
आँख कइलन बड़ा, मुस्कुरा गयल उनकर चेहरा
हाथ कइलन नीचे पैसा ले लेलन ससुरा

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8 AUG 2020 AT 10:03

पेपरवेट भी रिश्वत की तरह है..
जब तक कागज पर न रखो
कागज ..
फड़फड़ाता रहता है ।

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6 JAN 2020 AT 14:08

खामोशी

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