जेष्ठ आषाढ रीते बीते, सावन की रिमझिम भी खाली है,
तुम आजाओ तो मौसम बदले की बारिश आनेवाली है!
पीक मयूर की जोरो से, आवाज बटेर की जोड़ी से है,
आनेवाला है घर कोई उनके की बारिश आनेवाली है!
गौरेया करे धूल में अठखेली चींटी अंडे लेकर चलती है,
आजाओ मेरे घर की छत नीचे की बारिश आनेवाली है!
अमलतास के झूमर खिले, महुवा पत्तियों से लकदक है,
जिंदगी कर भी दो तुम हरीभरी की बारिश आनेवाली है!
ऊंचे आकाश में उड़ान चील की, जोंक पानी के ऊपर है,
दिल का आँगन है तुमबिन सूना की बारिश आनेवाली है!
दूर्वा गर्मी में भी थी हरीभरी, टीटोड़ी टीले पर आ गई है,
अपना घर है सब से सुरक्षीत की बारिश आनेवाली है!
संकेत देते ये मुझे तसल्ली की अब तुम मान भी जाओ, _Mr Kashish
लौट आओ अब "राज" के घर की बारिश आनेवाली है!-
20 AUG 2020 AT 8:59
5 JUN 2021 AT 12:56
कोई उलझी हुई पहेली आज हल हो गई,
मन में नाचा मोर और बादलों में हलचल हो गई,
उसकी एक झलक पाते ही क्या बताऊँ यारों,
मेरी की हुई जन्मों की तपस्या सफ़ल हो गई।-
4 JUL 2018 AT 9:38
तुम यूं अपनी ज़ुल्फ़ लहराया न करो
मोर गलतफहमी में पंख फैला लेते हैं।-
6 AUG 2020 AT 16:03
प्रिय राधा, ले बांसुरी,
पूछत कित प्रिय तुम्हारे ।
हसत दे तान सुनावे,कहे
हर स्वर में प्रिय हमारे ।।-
4 JAN 2022 AT 7:24
ससि ललाट सुंदर सिर गंगा। नयन तीनि उपबीत भुजंगा॥
गरल कंठ उर नर सिर माला। असिव बेष सिवधाम कृपाला॥-
24 AUG 2020 AT 20:23
कोई खिलाये मोर को दाना
कोई खिलाये चोर को दाना
पाना हो अपना दाना तो
डालो रिश्वतखोर को दाना-