जब तुझसे न सुलझे तेरे उलझे हुए धंधे
भगवान के इंसाफ पे तू छोड़ दे बंदे
तेरी हर मुश्किल को वो आसान करेगा
जो तू नहीं कर सका उसे भगवान करेगा-
खुद से प्यार था कभी, अब खुद से क्यों नज़रे चुरा रही हूँ,
इस लाखो की भीड़ मे भी, मैं खुद ही को तलाश रही हूँ ।-
जब इंसान स्वयं को, समझने लगा महान
ईश्वर की तिरछी हुई नजरें
दिखा दिया औकात ।
प्रकृति को समझने लगा ,अपनी माया
बरपाया ऐसा कहर
असहाय स्वयं को पाया ।
अंतरिक्ष पर जाने की है हैसियत
लेकिन ,एक छोटे से वायरस ने ऐसा थकाया
हो चुका वर्ष खतम
तोड़ इसका मिल ना पाया ।
अभी भी समय है
संभल जाओ इंसान ,
मत करो प्रकृति से छेड़छाड़ ।
प्रकृति नहीं तुमसे ,तुम प्रकृति से
समझो यह बात ।
वरना हो जाएगा सब बर्बाद ।
वरना हो जाएगा सब बर्बाद ।-
books की chemistry के साथ साथ love की chemistry कब चालू हो गई पता ही नहीं चला...
maths ही तो पढ रहे थे यारों!!
कब आंखे 2,4 हो गई, पता ही नहीं चला...
कब convent ki english जैसी लड़की के सामने मेरी hindi की bindi लग गई पता ही नहीं चला...
फिर biology के साथ साथ कब ये balacesheet भी match हो गई पता ही नहीं चला।-
सब सोच से लाचार हैं,
पैसों से करते प्यार हैं।
अच्छा जीवन जीना हैं चाहते,
मगर आचरण से दुराचार हैं।
भगवान को हैं भूल बैठे,
मन में ना रखते शुद्ध विचार हैं।
के हां सब सोच से लाचार हैं,
पैसों से करते प्यार हैं।
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अपनी राह खुद बनायी थी मैंने, अब उसी पे भटक गया हूँ,
खुद को तलाशने की जरूरत है, मगर जहां पहले था अब वहीं अटक गया हूँ-
माना प्यार मोहब्बत धोखा है,
पर तुम्हें Maths पढ़ने से किसने रोका है ।-
माना कि प्यार मोहब्बत धोखा है,
भाई किसने आपको पढ़ने से रोका है ।।-