नहीं आक्रमण किया शिखंडी पर
प्रण कर बैठे थे भीष्म पितामह
अंबा ऋण के आश्रय में
हुए युद्ध में पस्त पितामह।.....
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शस्त्र कैसे उठेगें
ना ये रक्त किसी काम का ।
एक का ना था उर्वरा अण्डज,
एक बीज निष्प्राण का।
# बैधनाथ सिंह।
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तुम एक लम्हें में कई किरदार जीते हो
हमारी मुलाकात उससे होगी जिस किरदार में तुम सबसे खूबसूरत लगते हो-
जो अन्य धर्म और निरपराध जीव को शत्रु मानता है वो मानवता और प्रकृति का शत्रु होता है
उसका वध ही मानवता और प्रकृति का नियम है-
यमराज से जो डरे
उसे यमदूत कहते हैं
यमराज जिससे डरे
उसे पंडित कहते हैं।-
Tere maujudgi ka ehsaas hai hame
Tere sabdo ka arth malum hai hame
Yu to ap khudko bada hosiar samajhte ho
Apke hosiariko bhi pehchanna ata hai hame-
शांतचित्त वो महाउग्र भी,विद्युतभिः है जिनका परशु।
विजय धनुर्धर शम्भू शिष्य वो,हमारे विप्रश्रेष्ठ परशुराम प्रभु।।
महावीर वो महापराक्रमी,रेणुका जमदग्नि के हैं कुमार।
अवतार वो महाविष्णु के,ब्राह्मणों के आधार हैं।।-