बेजुबानों के साथ बेरुख़ी न दिखाये
कोरोना काल में इनको घर से न भगाये।
आख़िर क्या बिगाड़ा हैं इन मासूमों ने,
इंसान होकर ज़रा इंसानियत ही दिखाये....
-Lakshy Saini....-
Do not be cruel 🐕 to the Animals
क्रोध भी तब पुण्य बन जाता है,जब वह धर्म, मर्यादा और असहाय जीव(चाहे वह कोई बेजुबान जानवर या और कोई अन्य प्राणी की रक्षार्थ किया जाए) के लिए किया जाए,और सहनशीलता भी तब पाप बन जाती है जब वह धर्म और मर्यादा को बचा नहीं पाती!!!!!!-
बेजुबां पे जुल्म ढाते हो;कुछ तो रहम कर;तेरी इस बर्बता पर आज मानवता भी शर्मसार है। प्रकृति के निरीह जीव हैं ये;कुछ तो शरम कर;खुद के अस्तित्व के लिए जिसका तू कर्जदार है।।
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बेजुबानों के साथ हमदर्दी 😑
रखिये साहब,🙄
ये बिना लफ़्ज़ों के दुआ
देते हैं ♥️
😑😑😑😑😑😑-
बेजुबानों के लिए भी हमदर्द बनिये साहब
ये बिना अल्फाजों के दुआये देते है.
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फर्क नही कौन गीता और कौन कुरान पड़ता है...
इंसान तो वो है जो बेजुबानों की जुबान पड़ता है...-
बेजुबानों को मार कर,
ख़ुद को ताक़तवर समझता है !
तेरा हिसाब एक दिन ज़रूर होएगा,
तेरा भी कोई अपना ज़रूर रोएगा !!-
"बेजुबानों से विश्वासघात क्यों?"
भय जब मृत्यु का हो तो
कदापि कोई समीप ना जाए,
किन्तु जब विश्वास ही बने शस्त्र मृत्यु का
तो कोई कैसे उसे समझ पाए!!
जब पृथ्वी के दो अस्तित्व
अपना विनाशकारी रूप दिखाए,
तो परमात्मा के बेजुबान साथी भी
अपनी पीड़ा किसे सुनाए!!
यह दुर्भाग्य है उन बेजुबानों का
की सत्युग में कटे शीश माँ के स्वार्थ में,
तो कल्युग में भी गए प्राण
एक नीच मानव के विश्वास में!!
करे जो ऐसे कुकर्म
मिले सज़ा उसे गरुड़ पुराण से,
और मिट जाए अस्तित्व उसका इस लोक में
संसार के परमसत्य अंतिम संस्कार से!!
करे दुष्कर्म जब जुबान वाले बेजुबानों पर
तो लज्जित यह मानवता हो जाए,
और पूजने वाले ही जब दे मृत्यु
तो शर्मिंदा समस्त संसार हो जाए!!-