मोहब्बत में लोग क्या-क्या नहीं देते हैं,
लेकिन तुम मुझे मोहब्बत में कलम देना,
मैं तुम्हें उस कलम से लिखी किताब दूँगा।-
वाह के बदले वाह मिलती है
चाह के बदले चाह मिलती है
दर्द के बदले दर्द मिलता है
आह के बदले आह मिलती है-
ये साल मेरे दिल के बहुत क़रीब रहेगा।
सब कुछ खोया जो है मैंने।
पाया भी कुछ।
जब से मैंने होश संभाला है तब
से लेके आज तक की सभी यादों को
दिल में बड़ी हिफाज़त से रखूंगी।
ये साल और सभी यादे!
जाने अब सब कैसा होगा आने वाला
साल जिसमें पापा नहीं होंगे!
मेरे साथ!-
कुछ बदले-बदले से,
उनके तेवर,
नजर आ रहे,
वो भूल गए हैं,
या......!
भुलाने की कोशिश,
किए जा रहे हैं।-
अजनबी था शहर कल तक
रास्ते भी गुमशुदा
आसमां अपना सा था
बस चांद बेगाना लगा
धूप थी वैसी ही कच्ची
दोपहर अलसाई सी
शाम के साये थे धुंधले
रात कुछ घबराई सी
रात की आगोश में
वीरानियों का शोर था
सब तो थे अपने ही
बस खुद का न कोई ठौर था....
प्रीति
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रह के Door तेरे ता विचार बदले
Mere बारे तेरे ता ख्याल बदले
lokkan करके तेरे राह बदले-
जब से उनकी नजदीकियां किसी और से होने लगी है
तब से वो कुछ बदले-बदले से लगने लगें हैं
जो पहले कभी अपना हुआ करते थे
अब वो किसी और के हुआ करते है
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बदले बदले सबके मिज़ाज नजर आते हैं
अब हर आपने हमसे नाराज नजर आते हैं-
दिल की बातें कह ना पाया,
बदले तेवर सह ना पाया..!
स्वतंत्र तुम्हें कैसे समझाऊं?
साथ तुम्हारे रह न पाया..!
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कभी हम बदलें कभी तुम बदले कभी जज़्बात बदल गए...
कुछ इस तरह से देखो मेरे हालात बदल गए...-