माँ ने बच्चों का दर्द समझ लिया
बच्चों ने एक माँ का दर्द न समझा-
'बहती नाक' से 'बहती आँख' तक पहुँच ही जाते हैं
माँ बाप ने अपने बच्चों को बड़ा करके देखा है
-
स्त्रीयों और बच्चों के "रूदन कि पुकार"
ईश्वर तक उनसे पहले पहुंच पाए और
शीघ्र "हर" ली जाय उनकी "पीड़ा",
इसलिए शायद "पुरुष" चाह के भी नहीं हैं "रोते"
और अपनी "वेदना" को नहीं होने देते
ईश्वर के समक्ष भी "प्रकट"..!!!
(:--स्तुति)-
माँ को भी माँ की याद आती थी शायद
चली गयी इसीलिये बच्चों को छोड़कर-
बहुत कुछ पा लिया लेकिन अधूरापन नहीं भरता
किसी से ऊब जाते हैं, किसी से मन नहीं भरता.-
संभाल कर रखना बच्चों ,अपने बाप की पगड़ी को ...
इक उम्र लगा दी है उन्होंने ,उसे ढंग से सर पर सजाने में...-
एक रोज मैं उसे दुआवों में मांगते हुए
खुदा के सामने बच्चों की तरह रो पड़ा-
फैक्टरी के मालिक चाहते हैं, फैक्टरी खुले
दुकान के मालिक चाहते हैं, दुकान खुले
हिन्दू चाहते हैं मंदिर 💒 खुले,
मुस्लिम चाहते हैं,मस्जिद 🕌 खुले
मगर सलाम 🙏🏾🙏🏾 है हमारे देश के बच्चे को,
पूरे भारत में किसी बच्चे ने जिद् नहीं की,
कि स्कूल खुले 😜😀
इसे कहते हैं कानुन का पालन करना।
😂😂😂😂
-
क्योंकि तुम्हें प्यार करतें हैं
कितना भी डॉट ले गुस्सा ले
वो तुम्हारे लिए ही जीते हैं
बच्चे कितने भी बड़े हो जाए
माँ बाप को हमेशा फिक्र रहती है
हर समय एक माँ अपने
ख्वाबों ख्यालों में
अपने बच्चों का ही
जिक्र करती है
और जब वो दूर जाते हैं
कुछ बनने या पढ़ने
माँ की सांसें हमेशा
अपने बच्चे में अटकी रहती है
माँ हर पल उनके सुखद
भविष्य की कामना करती है
तुम्हारी फिक्र होती है...-