YQ Sahitya 9 MAR 2021 AT 13:32 बूशट पहिनेखाई के बीड़ा पानपूरे रायपुर से अलग हैसैयां जी की शानससुराल गेंदा फूल - YQ Sahitya 20 MAR 2021 AT 16:15 ©प्रियरंजन - YQ Sahitya 17 FEB 2021 AT 19:45 - YQ Sahitya 9 MAR 2022 AT 19:42 वास्तव में सच्चे हिंदुस्तानी की यही परिभाषा है कि वह इंसान जो कहीं भी पान खाने का इंतज़ाम कर ले और कहीं भी पेशाब करने की जगह ढूँढ ले। - अनिल 26 APR 2019 AT 22:03 जाने माँ को हर बात कैसे पता चल जाती थी,मैं तो पान चबा लेता था,सिगरेट पीने के बाद। - Rakesh Kumar 10 JUL 2020 AT 8:13 जियो रजा बनारसिया 😍पान भी...प्राण भी 😷 - Rishi kumar 21 NOV 2019 AT 14:58 पान भी खूब रचता है..मेंहदी भी खूब रचती है..वो पगली कौन है..?जो मुझसे इतना प्यार करती है.. - Suramya Shubham 18 JUL 2020 AT 22:23 एक तबस्सुम आ ढली थी आँखों मेंएक ज़ाम-ए-नूर पस-ए-पर्दा थाउलझी सुलझी सी तबियत जान पड़ी थीइतराता बादल बूँदों में पान-ए-ज़र्दा थारक़ीब की भी बेजोड़ पहरेदारी थीवक़्त भी बेवक़्त-बेठौड-बेठिकाना थाहवा ने ज़रा थम के तेज़ी थामी थीउनका बालों को जो हौले से सरकाना थाचश्में से ताकती नज़रों की आहट थीउन्होंने चुपके से जो मन को सहलाया थाएक रस्साकसी सी यूँ दिल में छाई थीइश्क़ ने फिर फ़न मुक़र्रर बतलाया था - Anupama Jha 13 OCT 2019 AT 23:46 पान,मखान आ ई चमकैत चान - Swapnil Gupta 30 MAR 2017 AT 13:57 बनारसी पान मुँह में रखते ही,धड़कन काशी हो जाती हैं,साँसे प्यासी हो जाती हैं,अँखियाँ में मदीना झलकता है,रूह संन्यासी हो जाती हैं। -