आज जब
पढाते पढाते छूट गया मेरा हाथ...
(अनुशीर्षक में पढ़ें रचना)-
24 JUN 2020 AT 13:14
बेकार नहीं जाएगी हमारी मोहब्बत की दास्तान,
मैं तेरे नाम का कोचिंग सेन्टर खोलूँगा।😌-
3 JUN 2020 AT 9:00
ये जो अंधकार के बादल हैं
एक दिन इनको छट जाना हैं
मन में उठती तड़प को
एक दिन इसे बुझान हैं
क्यो बेवजह मन कायर हुए बैठा हैं
माना सबसे मुश्किल इस मन को ही समझाना हैं
मेहनत का काम आसान सा हो चला
सबसे मुश्किल तो खुद को समझाना हैं
खुद को शांत कर पढने बिठाना हैं-
3 AUG 2021 AT 9:38
नौकरी मिले या न मिले,
ये तो बाद की बात है,,,
हम अभी से पढाई न करे,,,,
ये तो गलत बात है।-
20 JUN 2019 AT 19:12
पढ़ाई ख़त्म न होती तो अच्छा था,
थक गए ये ज़िंदगी की परीक्षा देते देते,
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20 NOV 2017 AT 14:50
कभी जागी कभी सोई रहती हूँ...
क्या बताऊँ आजकल...
बस किताबों मे खोई रहती हूँ।-
14 MAY 2020 AT 21:20
पता है! काॅम्पटीशन की तैयारी करने वालों के लिए प्रेमिकाएं मीठा जहर की तरह होती हैं।😌
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