Ranju Thakur   (Ranju Thakur'रूचि')
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Joined 5 April 2020


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2 JUL 2024 AT 0:23

Rain in the sky,
Hope in my eyes.
water drop in palm,
smile on my face.
hope of good news,
letting past flues.

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1 JUL 2024 AT 23:59

उन घनी अंधेरी रातो मे मै ख्वाब पिरोया करती थी,
पर मन के एक कोने मे उसे खोने से भी डरती थी।

सरकारी नौकरी की तैयारी वाले है हम जनाब ,
अपने जख्मो को कही कैद कर फिरती हू।

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18 SEP 2020 AT 13:08

खुद से ये कठिन सवाल कर बैठी हूँ ,
जिंदगी किन किन पर गुलजार कर बैठी हूँ ,
अक्सर बुरे सपनो से आधूरा जवाब कर बैठी हूँ ,
रातो में जागकर किसी को आबाद कर बैठी हूँ l

हो जाये गुफ्तगू आज मन को मना कर बैठी हूँ ,
कुछ दूर टहलते खुद से सवालात कर बैठी हूँ ,
आजकल भटकते चित्त को जरा शांत कर बैठी हूँ ,
भविष्य की बुझती किरण फिर जला कर बैठी हूँ l

बैठी हूँ आज फिर अपने जज्बे को सलाम कर ,
उम्मीद की किरण फिर जला कर बैठी हूँ ,
छटेंगे ये बादल और शुभ की कामना में बैठी हूँ ,
एक दफा और कोशिश की समझाइश जो दे बैठी हूँ l

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17 SEP 2020 AT 19:37

भरे हैं हाथ स्याही से
समाज कर देना चाहती हैं पिला
माँ देखना चाहती हैं
उनमे मेंहदी का रंग सुनहरा
इस नौकरी की नाउम्मीदी में
हर शाम बुनती आंखें सपना प्यारा
कब आयेगा सरकारी नौकरी में
मेरा नाम भी बडे अक्षरों में पूरा
पुछता हर बेरोजगार तुमसे
कब होगा सपना पुरा , ये अधूरा

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16 SEP 2020 AT 23:38

उस घर की नींव बाबूजी ने ...
बडे अरमानो से रखी थी ,
सडती पुरानी दिवारो को ...
छेड बेटो ने मिनटो मे तोडी थी ,
घर की खपरैल तक ले निकले ...
बेकार चिजे बिखरी पडी थी ,

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16 SEP 2020 AT 23:24

ये जो शब्द हैं न.... कोशिश...
हर बारी परखता हैं तुम्हें अवरोही क्रम में
तुम्हें या यू कहो तुम्हारे मन की तड़प को
शुरूवात थोडी कठिन होती हैं....
पर फिर आदत हो जाती हैं....

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16 SEP 2020 AT 0:03

नाम तेरा बस लेकर
सुकून मुझे आ जाता हैं
देख तुझे हर सवेरे
उजाला जीवन में छाता हैं
ए मेरे महांकाल इश मेरे
हो मुसीबत, चाहे खुशी हो
मन तेरा नाम जपता जाता हैं

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15 SEP 2020 AT 23:21


आंखों से ये छलकता पानी क्यों हैं
एहसास किसे हैं यहां दरिया का
पिघलती समय सी जिंदगानी क्यों हैं
किसे यहा गर्व अपने वजूद का
बिखरती सी सबकी कहानी क्यों हैं
हैं इरादा हौसले से कुछ कर गुजरने का
पर जीवन पल दो पल की रवानी क्यों हैं

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7 AUG 2020 AT 21:33

जब sunday को....
नवोदय में ,
( in caption... )

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7 AUG 2020 AT 19:11

अरे छोडो भी ये दुनियादारी ,
मुझे बस नवोदय की यारी प्यारी ..

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