Rain in the sky,
Hope in my eyes.
water drop in palm,
smile on my face.
hope of good news,
letting past flues.-
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सबसे सुंदर लिखना हैं , ख्वाबो को बु... read more
उन घनी अंधेरी रातो मे मै ख्वाब पिरोया करती थी,
पर मन के एक कोने मे उसे खोने से भी डरती थी।
सरकारी नौकरी की तैयारी वाले है हम जनाब ,
अपने जख्मो को कही कैद कर फिरती हू।
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खुद से ये कठिन सवाल कर बैठी हूँ ,
जिंदगी किन किन पर गुलजार कर बैठी हूँ ,
अक्सर बुरे सपनो से आधूरा जवाब कर बैठी हूँ ,
रातो में जागकर किसी को आबाद कर बैठी हूँ l
हो जाये गुफ्तगू आज मन को मना कर बैठी हूँ ,
कुछ दूर टहलते खुद से सवालात कर बैठी हूँ ,
आजकल भटकते चित्त को जरा शांत कर बैठी हूँ ,
भविष्य की बुझती किरण फिर जला कर बैठी हूँ l
बैठी हूँ आज फिर अपने जज्बे को सलाम कर ,
उम्मीद की किरण फिर जला कर बैठी हूँ ,
छटेंगे ये बादल और शुभ की कामना में बैठी हूँ ,
एक दफा और कोशिश की समझाइश जो दे बैठी हूँ l-
भरे हैं हाथ स्याही से
समाज कर देना चाहती हैं पिला
माँ देखना चाहती हैं
उनमे मेंहदी का रंग सुनहरा
इस नौकरी की नाउम्मीदी में
हर शाम बुनती आंखें सपना प्यारा
कब आयेगा सरकारी नौकरी में
मेरा नाम भी बडे अक्षरों में पूरा
पुछता हर बेरोजगार तुमसे
कब होगा सपना पुरा , ये अधूरा-
उस घर की नींव बाबूजी ने ...
बडे अरमानो से रखी थी ,
सडती पुरानी दिवारो को ...
छेड बेटो ने मिनटो मे तोडी थी ,
घर की खपरैल तक ले निकले ...
बेकार चिजे बिखरी पडी थी ,-
ये जो शब्द हैं न.... कोशिश...
हर बारी परखता हैं तुम्हें अवरोही क्रम में
तुम्हें या यू कहो तुम्हारे मन की तड़प को
शुरूवात थोडी कठिन होती हैं....
पर फिर आदत हो जाती हैं....
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नाम तेरा बस लेकर
सुकून मुझे आ जाता हैं
देख तुझे हर सवेरे
उजाला जीवन में छाता हैं
ए मेरे महांकाल इश मेरे
हो मुसीबत, चाहे खुशी हो
मन तेरा नाम जपता जाता हैं
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आंखों से ये छलकता पानी क्यों हैं
एहसास किसे हैं यहां दरिया का
पिघलती समय सी जिंदगानी क्यों हैं
किसे यहा गर्व अपने वजूद का
बिखरती सी सबकी कहानी क्यों हैं
हैं इरादा हौसले से कुछ कर गुजरने का
पर जीवन पल दो पल की रवानी क्यों हैं-