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सुनो...वो लम्ह... read more
ये जो पुराने गाने हैं ना..
उसे सुना नहीं जाता, जिया जाता है
(Full piece in caption)-
मां कहती है,
फूल, लड़की और बारिश —
ये तीनों जानते हैं
कैसे टूटकर भी
खूबसूरत बना जाता है....-
हो सकता है
रातभर बारिश हो और किसी को ख़बर भी न हो,
आसमां की मोहताज नही होती है ये आँखें 💔🥺
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अंत में हर वो शख़्श ख़सारे में रहा,
जिसने गर्दन हिलाते हुए चाय को ना कहा,-
कभी लगता है वो रूह में है इतना शामिल,
मैं इश्क़ कहता हूँ उसका नाम याद नहीं करता,-
कभी-कभी कोई बस यूँ ही मिल जाता है…
और जीवन का इतिहास दो हिस्सों में बँट जाता है —
तुमसे पहले, और… तुम्हारे बाद-
बारिश से बचते-बचते
हर बार साहित्य से भी बच निकले,
समाज ने उसे सिर्फ़
कर्तव्य दिए, कविता नहीं,
भीगने का हक़
सिर्फ़ बच्चों और कवियों को मिला,
छतरी के नीचे
सिकुड़ा उनका मन लेकर पुरुषों को बस
समय पर पहुँचना था —
हरबार कविताओं से
वंचित रह गए
बारिश से बचकर दफ़्तर जाने वाले पुरुष-