Mishty _Miss_tea   (Mishty's moment ©)
2.7k Followers · 3.8k Following

read more
Joined 30 September 2018


read more
Joined 30 September 2018
8 HOURS AGO

उसने कहा था ....तुम्हारे पास तुम्हारा मनचाहा साथी हो फ़िर फर्क नहीं पड़ता तुम्हारे पास क्या है और क्या नहीं है ... और यहां मैं हार गई थी उसके मनचाहे साथी के सामने....!!

-


15 HOURS AGO

मैं चाहती हुं 
एक दिन मेरी सारी कविताएं
चोरी हो जाए

और वहां पहुंच जाए जहां मैं नहीं पहुंच पाती कभी,
उसे बेचने को रद्दियों में कोई न खरीदें
और उड़ जाए आकाश में..

पहुंच जाए नई पीढ़ी के उन हाथों में
उनकी आंखों के फफूंद पढ़ ले 
मेरे रोते बिलखते खून से लथपथ प्रेमपत्र 

और सीख लें 
वस्तुत: प्रेम निभाने नी की चीज़ थी
छोड़ने की नहीं

-


23 APR AT 21:38

कुछ प्रेमी होते है शौक़ीन
समंदर देखने को,
उसमें तैरने को,
डूबने को,

शायद ये,
वो लोग होते है
जिन्होंने ठीक से
नहीं देखा होता
अपनी
प्रेमिका की आंखों को....

-


22 APR AT 19:55

रख ले मेरे दिल का इक टुकड़ा तेरे दिल से जोड़ के,
दर्द_ए_उल्फ़त जाँना मरम्मत के सिवा कुछ भी नहीं,

इश्क़.. विश्क..चाहत...राहत...दर्द..दवा कुछ भी कहो,
मेरी नज़र से देख मेरी अज्ज़ियत के सिवा तु कुछ भी नहीं,

तौहीन है ये जो आँख बंद करूं और तु नज़र ना आए,
मेरे लिए मोहब्बत इलाही,इबादत के सिवा कुछ भी नहीं

-


22 APR AT 13:06

इतंजार पत्थर हुआ देखते देखते....
मोहब्बत को मोहब्बत का शहर ना मिला...
जैसे चिड़िया को इक शजर ना मिला, 
मुझे ताउम्र ठहरने तेरा घर ना मिला...

-


21 APR AT 9:45

जो हा कहो तो एक बात कहूं,
तुम्हे बेअदब कहूं कि तुम्हे बेमिसाल कहूं,

सहर को जला के शाम कर दू क्या?
कहो तो चाँदनी की चादर बिछा के कमाल करूं,

मायूस नहीं होता में तुम्हारे जाने के गम से,
क्यो में बेसबब उल्टे सीधे फिर सवाल करूं,

तूं होगी हुस्न_ए_बेमिसाल खुद के दर,
में अपनी चौखट पे क्यों बेवजह बवाल करू?

जुस्तजू जा बैठे हम ख़ुदा के घर,
मुमकिन नहीं हर दर पे जां निसार करूं,

-


20 APR AT 13:44

इक गुलबदन वो और इक गुल गुलशन गुलफ़ाम
कमबख्त किस पर फ़िदा हो और किस पर फ़ना

-


19 APR AT 22:29

कितना सहज है तुम्हारे लिए
मेरा हाथ छोड़कर
किसी और का हाथ थाम लेना,
कितना सहज
बाहें फैलाएं उसे प्यार देना,
और उसी प्रेम में
कभी वो चूमते होंगे तुम्हारा सीना
क्या इतना सहज होता होगा तुम्हारे लिए
अपने सीने पर पहले से अंकित
मेरे दीर्घ चुम्बन की निशानी मिटाकर
उसे अपना सीना सौंपना,
हो शायद की पूरे ब्रह्मांड की सबसे बड़ी टीस हो
लेकिन जिसने आजतक तुम्हारे खातिर
टीका रखी थी नींव विश्वास की
क्या इतना सहज है ख़ुद के खातिर
किसी के सच्चे प्रेम के अस्तित्व को
इतनी ही सहजता से भुला देना,

-


19 APR AT 8:16

लेने ही पड़ते हैं तुम्हारे कुछ ख़याल
सुबह की चाय के साथ,
नाश्ते से मेरा पेट भरता है मन नहीं

-


19 APR AT 7:22

" दुबई "
जिस रेत को प्यास हुआ करती थी पानी की
देखो आज पानी आया तो मरने पे आ गया

-


Fetching Mishty _Miss_tea Quotes