छुईमुई की तरह है नाराजगी तुमसे
जरा सी मोहब्बत से छू क्या लो,
तुझमें में सिमट जाता हूं !!-
तुम मेरी कल थी,
और मैं आज हो गया हूं |
अब मैं मनाने नहीं आऊंगा,
क्योंकि मैं नाराज हो गया हूं||-
बताओ हम कैसे छोड़ दें, तुमको याद करना
तुम्हारे साथ में गुजरा हर लम्हा याद आता है
हमारी जुदाई मानो कल गुजरी कोई बात हो
तुम्हारी नाराजगी तुम्हारा प्यार याद आता है— % &-
हम रूठा हुआ समझकर यूं ही
उम्र भर मनाने की कोशिशें करते रहे
समझना चाहा नहीं सच को कभी
नाराजगी दूर होती है नफरत कभी नहीं
हमने शिद्दत से की प्रेम पाने की कोशिश
वो उतनी ही शिद्दत से नफरत निभाते रहे
जिस रिश्ते की डोर कच्चे धागे से बंधी हो
उसे एक दिन तो धराशायी होना ही है
आखिर ढह ही गया आशियाना मेरा
बिखर गई इक इक ईंट हमेशा के लिए
Tanuja shivhare
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नाज़ हम उठाएं बेतकल्लुफ़ किसी और से रहो...
जाओ साहिब ये ईश्क के किस्से अब किसी और से कहो।-
वो नाराज़गी थी,
वो नफरत था |
जो हुआ, दरअसल !
वही हमारा किस्मत था||-
नखरे तेरे,
नाराजगी तेरी ।
देख लेना!
एक दिन,
जाँ ले लेगी मेरी।।-
सारी उम्र यही सोचता रहा,
कि हुआ अग़र कोई नाराज़ हमसे,
तो उसे मनाऊँगा कैसे,
पर ये भूल गया था मैं,
अग़र कोई छोड़ गया मुझ को,
क़भी यू ही ख़ुद से ही,
तो उसे वापस बुलाऊँगा कैसे,-
न जाने कौन देगा कांधा मेरे जनाजे को,
एक अरसे से मेरी इस जमाने से बनती नहीं-
यार मना लो ना रूठे यार को, ये सन्नाटा अब डराता है
इश्क़ में तन्हा फिर भी जी लें, दोस्त अकेला मर जाता है-