तेरे तोले भर नमक पर
मेरे तोले भर ज़ेवर कुर्बान।-
6 SEP 2019 AT 9:10
वो आसमाँ है, उसे ग़ुरूर है अपनी ऊंचाइयों का,
एक मोहब्बत ही है जो उसे ज़मीन कर जाती है।-
5 OCT 2019 AT 17:03
हर वक्त कुछ लिखना नामुमकिन सा हो गया है।
मेरे आँख का आँसू फिर नमकीन सा हो गया है।-
28 NOV 2017 AT 19:31
फ़ीकी दाल से हर चीज़ में छौंक लगने लगा,
न जाने कब मेरा जीवन नमकीन होने लगा!-
28 MAY 2020 AT 19:31
वो
मीठी सी,
तीखी सी,
थोड़ी खट्टी,
मोहब्बत हो
या
हल्दीराम की नमकीन ।
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28 JUN 2019 AT 4:14
सब कुछ लिख पाना मुमकिन नहीं होता
कभी कभी अश्क़ भी नमकीन नहीं होता-
5 SEP 2019 AT 22:11
तेरी उदासी मुझे गमगीन कर जाती है।
गालों को मेरे नमकीन कर जाती है।-