❤️यूँ ही शौक है हमारा तो शायरी करना,
बेहिसाब ईश्क़ करने में भरोसा रखते है ,
गर जाने अनजाने किसी की दुखती रग छू लूँ
तो यारों नादान-ए-दिल समझकर माफ़ करना..😊-
मत छेड़ो किसी कि दुखती रग को
यहाँ हर दूसरी गली में एक आशिक़ रहता है
Aarya-
चलते चलते तुम से अलग हो जाये हम
कैसे कब तुम्हारी दुःखती रग बन जाये हम-
कविता
दुखती रग पर उँगली रखाना नहीं
वल्कि मलहम है और
हिंदीं
मलहम-पट्टी-
हमने जब सच बोला, उनको बुरा लगा।
राज़ जो हमने खोला, उनको बुरा लगा।
दुखती रग पे हाथ ज़रा सा रक्खा था,
यूं ही ज़रा टटोला, उनको बुरा लगा।
(दिनेश दधीचि)-
हम सबके साथ खड़े हैं बस तुम्हारे नही
ये कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया
मेरे उन संजोये ख्वाबों की किताब का
सबसे हसीं पन्ना झट से यूं फाड़ दिया-
सुबह के चक्कर में
रात को यूँ जाया न करो
रात हुई है तो सुबह भी होगी
इस कदर घबराया न करो
दर्द है तो दवा कीजिए
बार-बार दुखती रग को
दबाया न करो
सोचोगे तो छोटी सी परेशानी भी
बड़ी दिखेगी
जाने भी दो रह रहकर दोहराया न करो
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क्यों पुरानी यादें फिर सामने आ ही जाती हैं
जितना भी दबाओ उन्हें
सताने यूं लग जाती हैं
हर बार उस ज़ख्म को उतना ही गहरा कर जाती हैं
जिसे भरने में सालों लग जाते हैं
फिर दुखती रग पर कोई हाथ यूं रख देता है
की चाहकर भी वो भुलाई नहीं जाती हैं
चाहकर भी वो भुलाई नहीं जाती हैं...........
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हे राधे..
"उंगलियां.."
कुछ लोगों की बड़ी लंबी होती है..
उन्हें सिर्फ लोगों की
"दुखती-नसों" पर रखने की
आदत होती है..
वही उनकी आदत
पहचान बन जाती है..
उन्हें वो चाहकर भी बदल नही पाते,
उसी में ही सारा जीवन
निकल जाता है..
उसीका असर उनके शरीर पर,
साफ-साफ दिखाई देता है..!-