QUOTES ON #दया

#दया quotes

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6 JAN 2020 AT 18:27

जैंसे बिन पंछी के
घोंसला अधूरा सा लगता है
वैंसे ही अगर दिल में दया न हो
तो सोने का दिल भी छोटा सा लगता है

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21 JUL 2020 AT 16:30


अरे बेरहम लडकी
मच्छरो पर तो दया कर।
इन्हें भी बर्बाद करने का इरादा रखती हो।
😂😂😂😂😂😂

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7 AUG 2021 AT 9:04






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12 AUG 2020 AT 9:45

तुम मुझे दे दो ज्ञान की सही परिभाषा
मैं तो जानूं न जानूं न आर्यों की भाषा

माताजी ने वेदों का परिचय दिया
पर मैंने अब तक कहां स्वीकार किया

डरती हूं आज भी भगवान के श्राप से
जबकि अनजान नहीं न्याय दर्शन की बात से

मेरा मन बन ही नहीं पाता अनुरागी
मेरा मन तो है बहुत ही अभिलाषी

सोचो राह वेदों की पकड़ लूं
सत्य का थोड़ा प्रकाश लूं

पर मुझमें इतना है डर
रोज करू मैं अगर मगर

माताजी मुझे गुरुकुल लेे गई
मुझे सही शिक्षा भी तो दी

मैं ही उनकी उम्मीद पर खरी न उतरी
आज भी जाने कहां हूं मैं अटकी

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5 JAN 2022 AT 22:43

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19 AUG 2020 AT 22:05

हर दिन कुछ मैं नया सीखता हूँ ,
कभी क्रूरता तो कभी दया सीखता हूँ।
हर दिन...✍
कभी नफरत कभी मया सीखता हूँ ,
कभी खामोशी तो कभी बयां सीखता हूँ।
हर दिन...✍
कभी बेहया तो कभी हया सीखता हूँ,
हर दिन कुछ मैं नया सीखता हूँ।

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19 APR 2019 AT 17:52

"दया धर्म त्याग"
मस्जिद की अजान हो,या हो मंदिर का घंटा,
कानो को सबके भाये ये,ना हो मन में कोई शंका..!!  

पढ़ो कुरान,बाइबिल या गीता,वाणी में बस आदर ही झलके,
आचरण होना चाहिए मोहम्मद या युधिष्ठिर सरीखा...!!

जीवन में बजे प्रेम मयी संगीत,
ना नफरत के बीजो को जाए यहाँ सींचा...!!

माटी से बनी है सम्पूर्ण मानव जाती,
फिर क्यूँ विभाजित कर अलग-अलग रंगो की लकीरो को जाये यहाँ खींचा...!!

नहीं लिखा कही करो किसी धर्म का अपमान,
कर्म ही धर्म है हर धर्मग्रन्थ ने यही दिया है ज्ञान...!!

हर धर्म है एक समान चाहे हो सबके अलग-अलग परिधान,
एक ही जीवन,एक ही जान उसकी नजर में सब समान ...!!
-©Saurabh Yadav...✍️

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12 JUN 2021 AT 19:14

एक छोटी सी इल्तेज़ा, दुआ है मेरी या खुदा उसे कुबूल फरमा
मुस्कुराए कोई मेरी वजह से या खुदा ऐसी इनायत अता फरमा

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19 APR 2019 AT 18:22

दया, धर्म और त्याग त्यागा कुकर्म, छोडी बेमानी
हुए विलुप्त, बदला समाज रोज़ो,नवरात्र में हुए इंसानी
जला ना पर दिल मे चिराग़
दया मिलती नही,सब चाहे यही है,दया धर्म और त्याग
मंदिर, मस्ज़िद हाथ फैलाए
लाचार बाहर, खुले न भाग मानवता का धर्म अपना ले
यही है, दया धर्म और त्याग इंसानियत दिल मे जगा ले
मिले न हैवानियत का सुराग
धर्म की होती ठेकेदारी ऐसा हो,दया धर्म और त्याग
एक की फिर दूसरे की बारी
होते दंगे कभी लगती आग Dr Rajnish
यही है, दया धर्म और त्याग Raj4ever

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6 FEB 2021 AT 10:07

करुणा और दया में अंतर

करुणा- किसी पीड़ित को देखकर मन मे उठने वाला वह भाव है जिसमें पीड़ित की दशा परिवर्तन की संभावना निहित होती है
जबकि दया में यह भाव निहित होता है कि पीड़ित व्यक्ति की दशा में परिवर्तन सम्भव नहीं है

उदाहरण-जैसे किसी व्यक्ति के पैर में जूते न होने पर उसे देख कर करुणा उत्पन्न होगी जबकि किसी व्यक्ति के पैर न होने पर दया

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