तर्क-वितर्क होने लगे 'रिश्ते' में अब
हमारा प्यार भी 'सियासी' हो चला
- साकेत गर्ग-
शास्त्रों के ज्ञाता .तर्क वितर्क मे माहिर तुम
मै अज्ञान इन सब से पर दोषी कहलांऊ मैं-
जीवन में तर्क वितर्क तो होते ही रहते हैं! लेकिन..
जीवन में ज्यादा सोचना भी एक नकारात्मकता है!
जो उन समस्याओं का भी निर्माण करती है!
जो वास्तविकता में कहीं होती ही नहीं हैं...!!
🌷आपका दिन शुभ हो🙏🌷-
लोचा समझ न आये मुझको,
पीठ पीछे काहे होता तर्क वितर्क
तू खुद में गर सही है ,
फिर काहे बात की है फ़िक्र-
वही करो जो तुम्हारा दिल चाहता है
अधिवक्ता तो बहुत हैं वो
तर्क वितर्क करेंगे हीं.-
बुद्धीच्या कौशल्यला विकासाची जोड मिळाली की
आत्मविकसीत ज्ञानाचा प्रवास रणांगणावरती नक्कीच सुरू होतो..-
मेरे प्रेम के रूप में, आ नहीं सकता फर्क
हृदय और मस्तिष्क में होता तर्क वितर्क-
मैनें आज उसकी
विषम परिस्थितियों को
देखा है...
आज फिर मैंने उसको
बंद दरवाजों में
चीखते देखा है..
निशब्द हूं..😔
( शेष अनुशीर्षक में )
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