रात को अक्सर जब मैं अकेली होती हूँ
तब मैं और मेरी तन्हाई
सिर्फ तुमसे बातें करती हैं
बताती हैं तुम्हें अपने सपने ,
अपने दिल के वो अरमान
जो सहेजे थे मैने सिर्फ अपने लिए
जिनसे अक्सर मैं रूबरू होती हूँ
सिर्फ सपनों की दुनिया में ,
जो हकीकत का मुखौटा
पहनने को कभी तैयार ही नहीं होते हैं
वो सिर्फ मेरी तन्हाई के साथी है.
जिन्हें मैं सिर्फ तुमसे बाँटती हूँ.
तुम्हारे सामने ही गुनगुनाती हूँ
रात को अक्सर जब मैं अकेली होती हूँ !!
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