बुंदेले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी,,,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी...!!!!
पुण्य तिथि पर शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏-
झांसी वाली रानी,
वाराणसी के झांसी शहर में जन्म लेने वाली मैं नारी थी,
छेन,छबीली,रूप सुंदर में बहुत न्यारी थी,
अंग्रेजो के चक्के छुड़ा देने वाली मैं आजादी की दीवानी थी,
मै झांसी वाली रानी थी,
चंचल स्वभाव वाली मैं सब को प्यारी थी,
आजादी की चाहत रखने वाली मैं बड़ी मतवाली थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
पापा की दुलारी थी,
सबसे न्यन की चांद सितारा थी,
मैं नारी आजादी चाहने वाली थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
आजादी कितनी प्रिय थी ये सब तो सब को अब दिखलानी थी,
मिट्ठी की कीमत अब हमको चुकानी थी,
लड़की किसी के कम नहीं ये बात भी अब सब को बतलानी थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
देश के लिए अब देनी हमें कुर्बानी थी,
बहुत हुआ अंग्रेजो का शासन अब उनको धूल चटानी थी,
आजादी की भूख अब घर घर में जगानी थी,
खून तो बहता ही अपनों का लेकिन अंग्रजी सता भी तो डोलानी थी,
युद्ध तो लड़ना और शहीद बन कर जाना हमारी निशानी थी,
सर कटा गई मैं मगर झुकी नहीं मैं वो आजादी कि दीवानी थी,
मैं झांसी वाली रानी थी ।।।-
महान वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
की जयंती पर शत् शत् नमन 🙏
आपका शौर्य अनंतकाल तक बेटियों को
पराक्रमी बनाते हुए राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा..-
Daughter's day के दिन,
क्यों न इन्हें भी याद किया जाए।
❣️❣️❣️❣️
बुंदेलों हर बोंलों के मुंह।।
हमने सुनी कहानी थी।।
खुब लड़ी मर्दानी वो तो।।
झांसी वाली रानी थी ।।
❣️❣️❣️❣️-
नारी रूप अवतरित देवी ओज से पूरित जिनकी वानी
शक्ति रूप मां दुर्गा जैसी दुश्मन के लिए बनीं भवानी
ब्रिटिश सल्तनत भी जिनके आगे हो गई पानी पानी
मंजूर गुलामी ना थी जिनको अंग्रेजों की एक ना मानी
मोरोपंत पिता थे जिनके माता भागीरथी की थीं नंदिनी
दामोदर आनंद की मां राजा गंगाधर की थीं अर्धांगिनी
खेल खिलौने उमर में भी जो थीं तलवारों की दीवानी
मनु छबीली मणिकर्णिका रानी लक्ष्मीबाई मर्दानी
बादल पर चढ़ कर बादल में शौर्य बनीं वो हिन्दुस्तानी
इतने खून पिए दुश्मन के लहू नहीं था मानो पानी
शौर्य गर्व की बनीं प्रतीक शौर्य की जिसने गढ़ी कहानी
"सर्वेश" करे उनकी जयकार जय हो झांसी की रानी
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झुक जाती हूँ अक्सर सबके सामने
क्योकि झुकना मेरी माँ ने सिखाया है ,
लेकिन इसका मतलब ये नही की कमजोर हु मैं,
मर्दानी की मिट्टी मे जन्मी हूँ महारानी की कसम,
आत्मसम्मान पे जो उँगली उठी किसी की
तो हाथ काटना भी मेरी मिट्टी ने ही सिखाया है!!-
उस समाज का कुछ नही हो सकता
जहां लडकियो को हीरोइन कहने से
मुस्कुरा देती है
और झांसी की रानी कहने पर चिढ़ जाती है
झांसी की रानी बनने में फक्र महसूस कीजिए
क्योंकि वैसी वीरांगना का नाम भी आप से जुड़े
तो अच्छा है🙏🙏-