कई साल लकड़ी के बिस्तर पर नींद निकाली है।
यू ही नही मिली नौकरी दिन रात जागा है।
कई दीवाली और होली बन्द कमरे में बिताई है।
सूरज निकल कर डूब जाते थे पर धूप न ले पाई है।
आज लोग कुछ भी कहे मगर ये जगह मेहनत से पाई है।
कई साल बीत जाते थे हमने गाँव की गली न देख पाई है।
तपता रहता था संघर्ष की लड़ाई में ...
कुछ अच्छा होगा इस उम्मीद की लड़ाई में...
हम आज भी लगे है समाज मे कुछ अच्छा करने के लिए।
कोई बच्चा अनपढ़ न रहे हमारे भविष्य कि सुन्दरता के लिए।-
वो रोज एक vacany की तरह निकलती है,
मैं हर बार general category की तरह देखता रह जाता हूँ...-
💠🔸🔹🔸🔹🔸🔸🔸🔹🔸🔹💠
मेरा ख्वाब हो तुम ,😇
दिल की गहराइयों में छुपे अहसास हो तुम ,🤫
जो कोई ना समझे ,☺️
ऐसे अल्फ़ाज़ हो तुम ,😊
अब ज्यादा क्या लिखूं तुम्हारे लिए ,😌
मेरी जिंदगी के सबसे बड़े …
खुशी का उपहार हो तुम 🤩
हां मेरी जिंदगी हो तुम…! 😍
💠🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹💠-
एक वो समय था जब
बारिश ना रुकने की दुआ करते थे
ताकि स्कूल ना जा सके !
एक ये समय है
बारिश रुकने की दुआ करते है
ताकि जॉब पर जा सके !-
आज सुबह से गांव की हवाओं में मायूसी कि महक आ रही है
लगता है छुट्टीया खत्म होने के बाद फिर से शहर लौटने की मज़बूरी आ रही है!!
✍️Avi ✍️-
किसान आंदोलन की,
वकालत भी वो लोग कर रहे।
जिनके खुद के सपने बाहर,
देश मे जॉब करने के है।
क्या वहाँ प्राइवेट कंपनी और डायरेक्ट सेल नही?-
दर्द दिलों के कम हो जाते …🤗🤩
तुम (Job) और मैं ( Unemployed) अगर हम 💞( Employed) हो जाते…🎉🎉🎉🎊🎊-
एक लाख की नौकरी वाला 2 दिन की तनख्वाह कोरोना को दे रहा है 2 लाख का व्यापार करने वाला अपने खर्चो को रो रहा है ।
-
लोग सो जाते रात के बाद भी घंटों 😴
🤔 सोचता हूं इस तरह नींद कैसे आती है,
उठ जाते है हम तो कई बार रातों में 🌃
इन घड़ियों के जगाने से पहले ये आँखें जाग जाती है।⏰
-