श्रीराम नहीं तो इंसान ही बन जाना,
अगर इस रावण को तुम सब जलाने आए हो।
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शहर छोड़, अब गाँव आया हूँ।
लिखावट में ताप... read more
क्या जाँबाज?
क्या तकलीफ़ है कुछ तो बता ज़रा।
फिर उसके कानों पर तो बात वही ठहरी नाराज़,
इस दिल ने सहा मग़र वही तूफ़ा वही दहशत समा।
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अनुभव कहता है:-
खास दोस्त चाहे कितने भी नाराज़ हो जाए,
पर वो महफिलों में राज़ नहीं खोला करते।
Hindi Writer RK
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एक आस दिल ❤️ में मेरे भी आज जग आई,
कोई मुझसे भी कहे कभी, तुझे देखने को मन कर रहा है।-
एक दिन इस क़दर शराब छोडूंगा देखना,
कांच के गिलासों पर भी जंग लग जाएगा।-
आज मैने यूहीं गुज़ार दिया वो कल;
जिस कल की मैं बहुत फ़िक्र किया करता था।-
अब तो बस सर झुकाकर आगे बढ़ जाता हु मैं
ना कोई मन्नत मांगता हूँ ना कोई सवाल पूछता हूं।-
ये जो आज का आदमी है ना नाराज़,
ये अमीर बनना चाहता है अच्छा ओर नेक नहीं।-
मैं जो कह रहा हूं माना
आज बेमतलब है बहौत।
मगर ये भी सच है तेरे बाद मुझे
कभी मोहब्बत नहीं हुई। 💔-