Neelima Sharrma   (नीलिमा)
1.1k Followers · 34 Following

मैं अपनी favourite हूँ, आप मुझे पढ़ना चाहो ना चाहो,लिखती रहूँगी।
Joined 16 December 2016


मैं अपनी favourite हूँ, आप मुझे पढ़ना चाहो ना चाहो,लिखती रहूँगी।
Joined 16 December 2016
29 APR AT 11:18

यह कैसी जिंदगी होती है ना, बेटा बहू दोनों अपने परिवार से दूर किसी शहर में घर बना लेते है. बेटी की शादी के बाद उसके पेरेंट्स उदास होने पर रो लेते है ,बेटी को संदेश भेज देते है कि हम तेरे बिना उदास है, बिटिया भी ससुराल में रो लेती है कि मम्मी पापा मायके वाले याद आ रहे. लेकिन बेटे
वो कभी अपने पेरेंट्स को बताना तो दूर कभी अपनी पत्नी या ससुराल वालों के सामने भी नहीं कह सकते कि अपने पेरेंट्स को याद कर रहे है. बेटे के पैरेंट्स भी कभी बेटे की याद में आँखें लाल करके रो नहीं पाते. कहना तो दूर की बात है.

फिर भी कहा जाता है बेटियां विदा करना मुश्किल है. कोई बेटे विदा करने वालों का भी सोचो .

-


29 APR AT 9:58

एक आवाज़ को तरसे हम आज पूरी दोपहर
पर आज ही वो सुख की नींद सोये हमारे बगैर!!

-


27 APR AT 0:13

Each day i think.... how foolish i was the previous day!

-


27 APR AT 0:06

आज से पहले नहीं जाना था
दुनिया इतनी जूठी है
हर दोस्त जूठा
हर रिश्ता जूठा

बस ज़िन्दगी ने एक
रेगिस्तान में लाकर खड़ा कर दिया है
दूर दूर तक कोई नही
जिसके कंधे पे हाथ रखके
इस रेगिस्तान को पार करे

हाँ साथ देने वाले जूठे लोग तो है
पर उस रास्ते पर
जो रास्ता भी जूठा है
मंजिल भी परायी....

--
Meynur

-


23 APR AT 10:39

मेरा धर्म मेरी पहचान

-


23 APR AT 10:01

" कश्मीर की वादियाँ खामोश हैं, और दिल भारी। पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुआ हमला न केवल जघन्य है, बल्कि मानवता पर एक गहरा घाव है। वे लोग, जो बस कुछ खूबसूरत लम्हे जीने आए थे, अब कभी घर नहीं लौटेंगे। इस दुख की घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं — उनकी पीड़ा हमारी भी है। हम उन मासूम ज़िंदगियों को कभी नहीं भूलेंगे. Kashmir files को झूठ कहने वालों एक बार इन्हें मिलकर देखना| हर मुस्लिम आतंक नहीं लेकिन हर आतंक मुस्लिम की तरफ से क्यूँ शुरू होता है.



लेकिन आज. अभी... फ़िलहाल सिर्फ़ आँसू हैं।"

-


22 APR AT 9:21

पहला पत्थर

जब जब मैं
यह तय करता हूँ कि , नही
अब मैं तुम से कभी नही मिलूंगा
तब मुझे लगता है जैसे
दुनिया का पहला पत्थर
आदमी के दिल से ही बना होगा |


प्रखर विद्रोही मार्कण्डेय

-


22 APR AT 2:11

धरती माँ !!
आधी से ज्यादा तुम पानी से भरी हो
देखने में कितनी हरी हरी हो
फिर भी पानी को तरसते हैं प्राणी !!!

धरती माँ!!
गर्भ में तुम्हारे अनेको रतन
प्रसव पीड़ा भी असीम तुम्हे
फिर भी कुपोषण के शिकार तुम्हारे बच्चे!!!

धरती माँ!!
तुम कितनी धीर सहनशील
सहती तुम हर अत्याचार उग्र
फिर भी मानव इसपर कितने व्यग्र!!!!!

धरती माँ !!!
तुम पालती सारी संतान
नही मानती खुद को महान
फिर भी भूखे मारते माँ- बाप को बच्चे!!neelima

-


21 APR AT 21:05

मेरा मन थक चुका है और मन से थक जाने पर आप बहुत लंबे समय तक थके रहते हैं,मन की थकान आसानी से ख़त्म नहीं होती।मन का थक जाना मतलब सब कुछ का थक जाना!

-


21 APR AT 6:40

हमें नही चाहिए किताबी कीड़े
हमें नही चाहिए कच्चे हीरे
हमें तलाश हैं उस जवानी की
जिसके हाथो में दम हो
क्रांति की आग जलने का
ईमानदारी की अलख जगाने का
वीर तुम आगे बढ़ो
धीर से बढ़ते चलो
विचारो का प्रवाह हो
ख्यालो पर अमल हो
परिवर्तन की आग हो
हाथ में मशाल हो
भारत माँ निहाल हो ...........

-


Fetching Neelima Sharrma Quotes