लगता है मुस्कराहट को एक उदासी लग गई है
तारों को है इंतजार जैसे रात के आने का वैसे ही
कमबख्त दिल को तेरे आने की चाह सी लग गई है.......-
जतन खूब किये तुमको पाने के लिए...
कभी मन्नत का धागा, कभी नजूमी का फरमान
कभी सिक्के की उछाल, कभी ख्वाबों के बयान
कभी किस्मत की पर्ची, कभी भगवान को अर्ज़ी
पर ख्वाहिश ऐसी की, चाँद को छूना चाहता हूँ
पर न धागा, न नजूमी, न ख्वाब, न पर्ची,
उम्मीद अब भी है,
ख्वाहिश अब भी है,
की जुस्तजू तुम से है!
_राज सोनी-
एक दिन चाँद को पकड़ने की आरज़ू रखती हूँ
इस ज़ालिम ज़माने से बचाकर आबरू रखती हूँ
पहुच ही जाते हैं मेरे पास सूंघते - सूंघते मुझको
इसीलिए दबाकर अपने जिस्म की खुश़बू रखती हूँ
ज़रा सी बात को गंदी नज़र से देखते हैं ये लोग
कम ही लोगों से आजकल मैं गुफ़्तगू रखती हूँ
ज़िन्दगी में खुश़ी आये ना आये फ़र्क नहीं मुझे
अपने अरमान पूरा करने की जुस्तजू रखती हूँ
औरत हूँ और बहुत से रिश्तों को निभाना है मुझे
सभी रिश्तों में मैं अपने प्यार के घुंघरू रखती हूँ
मुझे पता है मुझमें एक विजेता है हर पल "आरिफ़"
उसको मैं हमेश़ा अपने जैसा ही हू-ब-हू रखती हूँ
ज़िन्दगी मेरी वैसे तो "कोरे काग़ज़" से कम नहीं
लेकिन उसको मैं खुश़ियों से भरा ही यूँ रखती हूँ-
" मैं "
मस्तियों की मौज में था जो,
अब हस्तियों की खोज में हूं...
बातों की गुफ्तगू में था जो,
अब रातों की जुस्तजू में हूं...
हसरतों का आसमां था जो,
अब हकीक़तो की जमीन हूं...-
दिल की बात कह दूं उससे
हमेसा दिल में ये जुस्तजू आती है
मगर जुबान ही नहीं खुलते है
जब कभी वो मेरे रूबरू आती है-
तेरे अहसासे -पुरनम में मैं हूं कि नहीं
तेरे ख्यालों के अंजुमन में मैं हूं कि नहीं।
तेरी खातिर जमाने से मुॅंह मोड़ लिया
तेरी धड़कने-तरन्नुम में मैं हूं कि नहीं।
मेरी हर जुस्तजू तुझी पर आके रूके
तेरी हर तकल्लुम में मैं हूं कि नहीं।
तेरे सदके है मेरे दिल की हर ख्वाहिश
तेरे लब की तबस्सुम में मैं हूं कि नहीं।
मेरे ख्वाबों की बस तू ही है मंजिल
तेरे दिले-तसव्वुर में मैं हूं कि नहीं।
मेरे दिल की हर धड़कन है तेरे लिए
तेरे दिल में क्या मालूम मैं हूं कि नहीं।
...……निशि..🍁🍁-
कद्र बहुत की तुमनें जिंदगी की लो मौत आ गयी,
जिंदगी की जुस्तजू में तेरी देख लो मौत आ गयी।
कोई रूठा तो क्यूँ रूठा कोई गया तो क्यूँ गया,
बस यही सोंचते सोंचते देख लो मौत आ गयी।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)-
उसे पाने की कोशिश में,
उसे चाहने कि कोशिश में,
उसे हँसाने कि कोशिश में,
उसे मनाने कि कोशिश में,
शायद बहुत कुछ खो दिया
मैंने ll-
Uske chehre ki muskurahat ki vjh khudko na paakr udaas hojana...
Pr dooje hi pal uss muskurahat Ko dekh khud muskana...
Uski hr ek choti choti baat ka khayal krna...
Pr vo tumhara bday bhi yaad rakhae ye b umeed na krna...
Usse baat karne k liye poora din wait krna...
Pr jbh uska msg na aaye to b uski fikr krna...
Uski hr ek khushi Ko poora krne ki chahat rkhna ...
Pr Voh ahsaan na smjhle isiliye bina jataye Ishq krna...
Kesi majboori hai na ye...
Ishq ki Aag Mae jal Jaana pr uspr aanch b na aanae Dena...
Sbhse mushkil hai ye Ishq nibhana...❤️-
मेरे लबों पर जो आए वह नाम बन जाओ
मेरी नज़र जिसकी जुस्तजू करे
वो इंसान बन जाओ
यही फरियाद है मेरी खुदा से
तुम ही मेरे ख्वाबों के राजकुमार बन जाओ-