QUOTES ON #जुल्फ

#जुल्फ quotes

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मोटी मोटी आंखें
जुल्फ घनेरी काले बाल,
मुखड़े पर सादगी दिखे ,
दिखे होंठ लाल।

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14 AUG 2017 AT 14:56

रात का इंतज़ार क्यों आगोश में आने के लिए
लो मैंने जुल्फें खोल ली दिन को ढांकने के लिए !!

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1 MAY 2017 AT 2:09

ख़ामोश सी एक नदी का किनारा था
किनारे पर खड़ा एक हरा-भरा दरख़्त था
दरख़्त के नीचे एक चटाई बिछाई थी
चटाई पर फूलों की सेज़ भी सजाई थी
तभी एक मदमस्त हवा का झोंका आया
ज़ालिम झोंके ने मासूम पंखुड़ियों को उड़ाया
उड़ती-उड़ती पंखुड़ियां जा पहुंची उनके कऱीब
खुली थी ज़ुल्फें जिनकी, देखता रहा मैं गऱीब
बला का हुस्न था, हुस्न में ख़ुशनुमा रवानी थी
शुरू हुई यहीं से हमारी मोहब्बत की कहानी थी
आज भी बैठे हैं उसी नदी के किनारे
मगर नदी में अब उफ़ान है
दरख़्त है अभी भी वहाँ
पर वो भी अब 'हरे' से अन्ज़ान है
चटाई है, पर मटमैली सी
फ़ूल हैं, पर मुरझाये से
हवा का झोंका भी अब गर्म है
हमारी तबीयत भी कुछ नर्म है
लगता है जैसे कुछ कमी है
मौसम में घुल रखी नमी है
ना वो खुली ज़ुल्फ़ों का नज़ारा है
ना उसके हुस्न के दीदार का सहारा है
बैठा हूँ मैं अब भी वहाँ
भूल आया हूँ अपना सारा 'जहां'
इंतेज़ार है, क़रार है
ख़ुदा है, उस पर ऐतबार है
- साकेत गर्ग

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23 JUL 2017 AT 1:55

कल रात जो रात थी
थी विरह की रात
वस्ल की भी रात थी
तुमने मुझे सताया था
तड़पाया था रुलाया था
आज मैं पूरा बदला लूँगा
सच कहता हूँ, तुम्हें सोने ना दूँगा
सारी रात तुम्हें प्यार करता रहूँगा
तुम चिढ़ती रहना मैं छेड़ता रहूँगा
कभी तुम्हारी ज़ुल्फ़ों से खेलूँगा
खोलूँगा..बांधूँगा..फिऱ खोलूँगा
गाल हैं जो तुम्हारे उन्हें खीचूंगा
चूमूँगा.. खीचूंगा.. फ़िर चूमूँगा
तुम गुस्से से झनझना जाओगी
मैं नज़्म सुना ख़ुश कर दूँगा
तुम शर्मा जाओगी, मैं भी हँस दूँगा
प्यार भी करता हूँ, दीवाना भी हूँ
अपनी नाज़नीं से बदला कैसे लूँगा
पर सुनो!
सच कहता हूँ..तुम्हें सोने नहीं दूँगा
- साकेत गर्ग

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कुछ इस तरह कि अब कतई चिंता न होती मुझे! मैं
खुशियों के महफ़िल की सौदागर, सबको उधार देती। ...✍️..✨

कुछ ऐसे कि वास्तविकता से वाकिफ होना यूँ आसान
होता मेरे लिए और मैं औरों की तकदीर सुधार देती। ...✍️...✨

कुछ यूँ कि कहीं असहायों की मदद में न पीछे हटती मैं,
मेरे मुखडों की "तबस्सुम" उन्हें हँसाती खूब प्यार देती। ...✍️...✨

Collaborated on: 12 June 2020, Friday

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7 DEC 2020 AT 19:14

तेरी खुली जुल्फें मुझे बाँध लेती हैं।

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10 JUL 2021 AT 10:46

तेरे जुल्फ के छांव में

तेरे जुल्फ के छांव में
उम्र गुजार दूं इसी गांव में
ऊपर चांद भी फीके पड़े हैं आज
पायल जो चमक रहे हैं तेरे पांव में
नदिया किनारे है घर मेरा
गांव घुमाऊंगा तुझे मैं नाव में
यहां की मिट्टी है जैसे दवाई कोई
सूख जाएंगे लगाकर देखना इसे घाव में
तेरे जुल्फ के छांव में
उम्र गुजार दूं इसी गांव में .....।

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18 NOV 2017 AT 14:43

जो तेरा हो नहीं सकता, वो मेरा हो नहीं सकता
तेरी जुल्फों के साये में, सवेरा हो नहीं सकता
न मैं कोई सूरज माँगू, न माँगू मैं कोई चंदा
कि जब तक जलता है ये दिल, अँधेरा हो नहीं सकता

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22 NOV 2016 AT 12:50

सुनो..

यह जो ज़ुल्फ़ को तुमने,
ऐसे 'लटका' रखा है..

यही है वो ज़ालिम,
जिसने मुझे..

ऐसे 'अटका' रखा है।

- साकेत गर्ग

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आवारा सी ज़ुल्फ तुम्हारी गालों को जब सहलाती है,
हसीन बेशक उस वक़्त लगती हो,
पर मुझे तेरी जुल्फे जलाती है...

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