होके गैरों सा क्या मिला तुझे क्या मिला मुझे
बस दर्द में लिपटा तू यहाँ मिला मुझे मैं वहाँ मिला तुझे
खुशियाँ दूर हुई सुकून रहा ना पास हमारे
बस गंगा जल सा बहकर तू यहाँ मिला मुझे मैं वहाँ मिला तुझे-
अब बस जुनूँ बयाँ करेंगी हमारी आँधी की कारिस्तानी
हम तैर सागर पार हुए हैं कैसे सीना तान उन लहरों से
बिख़री तट की व्यवस्था को सुखी नज़र की परख नहीं
जो दिल मे जोश भरे दे वासता है हमारा गंगा की उन शहरों से-
जल सा बह रहा हूँ मैं... जाने इस सफ़र का क्या अंजाम होगा
साग़र से मिलूँगा.. या पता नहीं.. यूँ ही सारा सफ़र तमाम होगा,
पता नहीं... यह स्वप्नों की नदी कहाँ ले जाएगी मुझे
जाने कितना लंबा... औऱ मेरी यह ख़्वाइशों का कारवाँ होगा,
मेरा दरवाज़ा खटखटाती हैं.. यह बारिश की बूंदें
हा.. हाहा.. जाने उसकी यादों को मुझसे... अब क्या काम होगा,
कमबख़्त.. सोचती हैं घर में सजी मछलियाँ परेशान सी
के उफ़्फ़.. बेजान पत्थरों को डूबकर भी कितना... आराम होगा,
"अ.. अशोक"... बड़े दिनों बाद... किसी ने पुकारा है मुझको
मैं भूल गया हूँ.. पऱ हाँ शायद.. यही मेरा नाम होगा,
जल सा बह रहा हूँ मैं..!!-
...कश्तियों सा सफ़र है मन में
पऱ किनारों में रहना पड़ता है
जब "जी" करता है साग़र सा थमने को
तब नदियों सा बहना पड़ता है,
उफ़्फ़... असहाय, जल सी "ज़िन्दगी"
...कितना कुछ सहना पड़ता है!!-
बूंद बूंद से सागर बनता हैं
तो बूंद बूंद बचाने से भी तो सागर बनेगा ...-
जरूरत है बचाने की
जल को
जो धीरे-धीरे
समाप्त होने की कगार में है
जल ही जीवन है
इसका सही उपयोग करे
अगर जल होगा
तभी हमारा कल होगा
इसे व्यर्थ ना जाने दे...-
तो!
हर प्राणी जीवात्मा कैसे जीवित होगा!
इसलिए हमें अगर जीवन सुरक्षित चाहिए
जल का महत्व समझ कर उसे सुरक्षित रखना होगा!-
पानी नहीं होगा तो ये जहान नहीं होगा
ये धरती नहीं होगी आसमान नहीं होगा
पेड़ पौधे पशु पक्षी कुछ भी नहीं होगा
और भागता हुआ कोई इंसान नहीं होगा
अब भी पानी की जरूरत समझ लेंगे तो
पानी के लिए कोई परेशान नहीं होगा
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बहुत जगह पानी के लिए दूर तक जाते है
अपने क़ीमती वक़्त को लाइन में लगाते है
पानी की अहमियत समझें पानी ना बहाये
पानी ही ज़िन्दगी है बूंद बूंद पानी को बचाये-
प्यासे पक्षी तरस रहे हैं, शीत जल की तलाश में
भटक रहे हैं कोने-कोने, बुझाने अपनी प्यास वे!!
गर्मी से बेहाल हैं वो, थके हारे निराश हैं वो
भटक रहे हैं कोने-कोने, बुझाने अपनी प्यास वो!!
मानव का कर्तव्य है ये, प्यासा ना उनको रहने दे
झुलसाने वाली गर्मी में, शीत जल अर्पित करें!!
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