अपना नफा नुकसान देखकर तो सियार कूकते हैं...
शेर तो अपना वज़ूद जिंदा रखने के लिए ही दहाड़ते है...
#क्या_साहेब-
"उम्मीद ना पा कर भी और उम्मीद करते हैं,
जीत ना पाएँ फिर भी जीतने की ज़िद करते हैं
हम तो जंगल के राजा की तरह जीते हैं यारों,
जिसकी मौत का इंतज़ार कुछ सियार और गिद्ध करते हैं..."
-
कुछ दिन क्या शेरनी जंगल छोड़ गई
हिरणी तो आपने को जंगल के रानी समझने लगी हैं ।।
भला उन्हे कोई समझाओ
शेरनी जहाँ भी रहे
आखिर जंगल के रानी तो सिर्फ शेरनी को ही कहते हैं ।।
-
ताकत तो बाघ के पास भी
शेर से ज्यादा है
पर जंगल का राजा तो
"शेर" ही होता है
क्योंकि शेर के पास
अंतिम साँस तक लड़ने का
"जिगरा" होता है।
ताकतवर होने के बावजूद
बाघ शेर पे हमला नहीं कर सकता !
-
एक घटना बड़ी खास हुई!
इश्क़ के जंगल में,शेर की हार हुई ।
लोमड़ी का साथ मिला ,हिरनियो का राज हुआ ।-
कुत्तो की रेस मे शेर दौड़ा नहीं करते,,
पीठ पर कभी शेर वार नहीं करते,
होंसले रखते है आक्रमण का हाथी पर भी,,
संख्या भूजबल देख शेर घबराया नहीं करते-
निजशक्तिप्रभावेण सिंहो राडुच्यते वने।
कदाचित्क्रियते नैव यतो निर्वाचनं वने।।
"वात्स्यकोशः"
अन्वयः-वने सिंहः निजशक्तिप्रभावेण राड् उच्यते।यतः(यतोहि) वने कदाचित् वने निर्वाचनं नैव क्रियते।
"भावार्थः"
शेर अपनी ताकत से ही राजा कहलाता है,
क्यौंकि कभी जंगल में चुनाव नहीं होते।
स्वच्छभाषाभियानम् सुरभारतीसमुपासकाः
संस्कृतभारती
-