QUOTES ON #चित्रकला

#चित्रकला quotes

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17 MAY 2021 AT 20:02

जन्मदिन पर

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21 MAY 2021 AT 23:12

Einstein

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20 JAN 2022 AT 21:17

रसिया को नार बनावो री,
गाल गुलाल
दृगन बिच अंजन
बेंदी भाल लगावो री
रसिया को नार बनावो री

कटि लहँगा
उर माय कंचुकी
चूंदर सीस ओढावो री
रसिया को नार बनावो री

मानत कौन फाग मे प्रभुता?
मन मान्यो सो कीजो री
रसिया को नार बनावो री

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24 MAY 2021 AT 17:15

जीवन नैया

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30 AUG 2021 AT 14:36

दोहे

मंदिर मस्जिद जाओ , जंहा भी जाओ द्वार ।
घर मे ही बैठे भगवन, फिर काहे को भटको सँसार।।

चितवन में पाप बसायो , पाप धोवन घाट पे जाए।
भगवन भी उसी का होए, जिसका मन साफ होए।।

मंदिर में लडुअन भोग चढ़ाए,घर मे माँ- बाप भूखे सोए।
राम -राम जपे धन न जुड़े, मेहनत करे सब सुख होए।।

हाथ किसी ओर का थामे, नजर में किसी और को बसाए।
ऐसे जीवन भर साथ न निभे,बस घर ही बर्बाद होए।।

आज करूं कल करूं ऐसे ही समय बिता जाए ।
आज के रहते जो न सुधरे, वो वक्त बीते बहुत पछताए।।

मंदिर तो सुबह-शाम जाए, पर प्रेम से किसी को भी न बतियाए।
घमण्ड न चले जीवन भर साथ,जो बोले मीठे बोल वही याद रह जाए।।

सुंदरता की होड़ लगी ,महंगे-महंगे क्रीम लगाए वो सुंदर होए।
सुरत की तो बात गयी, अब तो सीरत पर भी नकाब होए।।

तू भी इंसान मैं भी इंसान,फिर काहे की ऊंच-नीच होए।
सबको सुकून मिले एक ही जगह,फिर काहे का घमण्ड होए।।

धन मांगे धन न बढे, कमाए से धन होए।
आलस-आलस में रह गए,फिर बीते वक्त रोना रोए।।

कलम लिखे "कला" री लिखे अभिमान,
किसे के घटाए न घटे जो खुद कमाए सम्मान।।

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31 JUL 2023 AT 19:13

चित्रकला कविता है जिसे महसूस करने की बजाय देखा जाता है और कविता एक पेंटिंग है जिसे देखने की बजाय महसूस किया जाता है।

-लिया नार्डोदा विन्सी

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15 MAR 2019 AT 22:17

मेरे चित्रों में उतरती कला हो तुम,
हां, मेरी 'चित्रकला' ही तो हो तुम!

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28 AUG 2021 AT 21:44

।। चित्रकार और उनकी चित्रकारी ।।

सृजनशील वे चित्रकार हैं, क्या क्या नहीं उकेरे हैं?
'कर' मन का अनुसरण करे और चित्रफलक को घेरे है।।
चित्र सृजन का शौक ही ऐसा, वक्त का वे न भान करे।
यावत् कार्य सिद्व न होवे तावत् न आराम करे।।

भिन्न-भिन्न कूँची रखते हैं, रखते रंगों का सन्दूक।
अजब-गजब ये रचनाधर्मी, रंगों की ही रखते भूख।।
ज्यों का त्यों हो चित्र बनाना, या कि कोई नई कल्पना।
भौंचक्के रह जाते सब जन, देखकर इनकी चित्र-सर्जना।।

अद्भुत यह फनकारी है जो घर का मान बढ़ाती हैं।
सूनी दीवारें चित्रों से सज्जित हो शोभा पाती हैं।।
बच्चों को विद्यालय में, यह कला ज़रुर सिखलाते हैं।
बौद्धिक विकास उपकारक से वे नित्य प्रेरणा पाते हैं।।

चित्रकार की परम्परा यह, इसकी उम्र पुरानी है।
प्रतिबिम्ब पेटिका कर्षित फोटो, इसके आगे पानी है।।
भारतीय चौसठ कलाएँ, पञ्चम इसका सोपान है।
राजा-रंक भलेमानुष सब करते इसका मान है।।
सब करते इसका मान है, सब करते इसका मान है।।

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