मानो रिक्शा,
चालक को कह रहा हो,
भाई उतर!
थोड़ा आराम करने दे,
छांव देखी नही,
पांव पसार दिए,
तू भी बूढ़ा हो रहा है,
इस आम की तरह.-
वक्त की जरूरत है
तुम बुरे इंसान बनो,
कभी-कभी अच्छे इंसानों को
उनकी अच्छाइयां ही मार देती है ।।
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कुछो काम का नही सीधा सादा सा सरल सा,
गुरू बनाओ मगर थोड़ा चालाक सा धूर्त सा।
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लोग कहते है,किस बात का गम हैं.....🤷♂️
में बस इतना ही कहता हूँ,✍️
इस दुनिया में चालाकियाँ बहुत हैं.।👥😔
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कुछ लोग बड़े होशियार होते है
मुखोटे में छुपे शातिर गद्दार होते है
वार पीछे से करते है
और खुद को यार कहते है-
आज का जमाना ऐसा है दोस्तों
यहाँ चालाक लोगो का बोलबाला है
और शरीफों का मुँह काला।-
बहुत चालाक समझते है लोग अपने आप को
मेरा ग़म देख कर अपना गम छुपाने लगते है-
अपनी ग़लती को चुपके से निबटाओ,
दूसरे की ग़लती पर शोर मचाओ,
यही फ़लसफ़ा अपनाते कुछ लोग,
समझते अपने को चालक
और
दूसरों को बेवकूफ,
एक मुखोटा ओढ़े
दुनिया को समझाते हैं,
अंदर से है शैतान पर
बाहर से
फ़रिश्ता बन कर दिखाते हैं।-
आपके सबके बीच बैठता बातें करता हूं,
इसका मतलब ये नहीं के हूँ मैं चालक या चालू,
ख़ुद की गलती सही हूँ करता,न किसी और का मैं दोष निकालूं,
मेरी हद में है कुछ पाना तो जो चाहूँ वो कर डालूं,
गलतफमियाँ मत रखिये ये,के मैं सब बातें बतियाता हूँ,
हुक्मरानों के सामने जाके सब बातें रख आता हूँ,
विश्वास न तोड़ना सीखा है विरासत में मैंने,
सही बात को साबित करने के लिए मैं कुछ भी कर जाता हूँ,
हाथ जोड़ ये निवेदन है बिना सोचे कड़वाहट न फैलाइये,
हुनर गर है आप में तो खुद ही आगे आईये,
मैं करता हूँ सम्मान इसका गलत न फायदा उठाइये,
जो मैं बोलूं कहिये वही बात,यूँ अफवाह न फैलाइये,
ये जीवन,ये काम,ये आनी जानी बातें हैं,
रहिये मिलजुल के मिठास के साथ😊,यूँ न रिश्तों में कड़वाहट लाईये,
फर्क नहीं पड़ता है 'शिव' को,कौन क्या सोचता है 'शिव' बारे,
कर जाता है कविताई ऐसी बातें सुनके, और फिर बस अपना काम निखारे.... 'शिव' अपना काम निखारे।।
जय हो तेरी प्यारे.....बस जय हो तेरी प्यारे।।
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