Rishi .   (ऋषि)
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Joined 23 June 2019


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20 APR AT 21:42

तेरी नज़र ने छुआ मुझको
मेरे दिल ने करार पाया

तू मुस्कराए या चुप रहे
तेरी मौजूदगी से सुकून पाया

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20 APR AT 21:14

तू मेरा इंतज़ार करे ना करे,
मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।

तू मुझे प्यार करे ना करे,
मैं तुझसे बेपनाह प्यार करता हूँ।

तू इजाज़त दे या ना दे,
मैं तुझको महसूस करता हूँ।

तेरी हर साँस में बस्ती है तू,
मैं तुझ में ही जीना चाहता हूँ।

तू मुझपे एतबार करे ना करे,
मैं तुझपे यकीन करता हूँ।

तेरी एक झलक को तरसे निगाह,
मैं उस पल को बेकरार करता हूँ।

जहाँ तू मिले मुझे कहीं,
वहाँ आज भी इंतज़ार करता हूँ।

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8 MAR AT 8:28

तुम ही प्रारम्भ हो
तुम ही अंत

तुम शाश्वत हो
तुम अनंत

तुम ही सावंत हो
तुम सुंदर प्रसंग

महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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12 JAN AT 16:10

तू मेरा इंतजार करे ना करे
मैं तेरा इंतजार करता हूँ

तू मुझे प्यार करे ना करे
मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ

तू मुझे इख्तियार बक्शे
मैं तुझे छूना चाहता हूं

मेरे रूह से अगर जान ले
मैं तुझे जीना चाहता हूं

तू एतबार करे ना करे
मैं तुझे आज भी प्यार करता हूँ

जहां मिल सके तू मुझे
वहां आज भी इंतजार करता हूँ

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30 DEC 2024 AT 12:39

ये खुले खुले बाल
ओर गुलाबी से गाल

ये गौरा गौरा बदन
ओर नशीली सी चाल

सुंदर सा चेहरा तेरा
ओर आंखे है बवाल

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22 JUN 2023 AT 8:43

बहुत मेहनत लगी है इस किरदार को बनाने में
जमाने को जमाना लगेगा इसे हराने में

आज हम है तो कल हमारी यादें होंगी
जब हम ना होंगे तो हमारी बातें होंगी...

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15 AUG 2022 AT 16:51

हरा हो या केसरिया
किसी धर्म से न इसको जोड़ो
रहने दो आजाद विचारों को
तुम हर दिल में तिरंगे को जोड़ो

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11 APR 2022 AT 12:15

चेहरा

दुश्वारियों का वक्त आ गया है
कुछ नकाब आप भी लगा लो
शराफत से अब जाग जाओ
माथे पे क्रांति का निशान आप भी लगा लो

खुशियों से भरी इस जिंदगी में
नफरत का मौसम सख्त है
मीठे में मिला है जहर संभल जाना तुम
हो सके तो अब एक पहचान आप भी बना लो

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20 JAN 2022 AT 21:31

बादल से बारीश इसलिए भी होती है
कि जिन पौधो को पानी नहीं मिल पा रहा उन्हें मिले

आग की तपन के बिना कुन्दन का बनना आसान नहीं



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3 AUG 2020 AT 10:28

वो मन्दिर है, गिर्जाघर है,
मजिस्द सा है
ऐसा तेरा गुरु द्वार है

सकून सा, बनकर जो तू ,
महक रहा जीवन में मेरे
मुझ पर गुरु तेरा ये उपकार है

स्वर्ग की न मुझको इच्छा है
न नर्क का लगता है डर
बस तू ही दर्दमंदों का अब चारागर है

मुक्ति के पथ पर ले चल मुझे
न लोभ की आस है, न घृणा का वास है
द्वार पर तेरे खड़ा हूँ लेकर अपना संसार है

चारागर= doctor, one who provides cure

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