मैं आज जहां खड़ा हूं , वहां अपने गर्व से भी बड़ा हूं मैं एक साधरण सैनिक हूं, सरहदों पर खड़ा हूं मेरा जो फर्ज है उसे, मैं मरते दम तक निभाऊंगा सिने में गोली खाकर ,धरती मां की गोद में सो जाऊगा कटा दूंगा सर अपना, पर तेरी आबरू को बचाऊगा
एक फर्ज तू भी अदा करना शाने शौकत से ऊठाना जनाजा मेरा तू मेरी कब्र पर अश्को को न जया करना हो सके तो गर्व से तू मेरी मौत को बंया करना