कभी फुर्सत से बैठ कर सोचना
तुमने क्या खोया और क्या पाया-
लिख भी दूं अगर दास्तान - ए - दिल
तुम दिल के अल्फाज़ पढ़ नहीं पाओगे
ये मोहब्बत का रिश्ता भी बेहद नाज़ुक होता है,,
ज़रा सी सख्ती से पल भर मे टूट जाता है!! 💔🥀-
मोहब्बत तो मोहब्बत होती है ,,
फिर चाहे हमसफर साथ हो या ना हो...💔🙃-
ज़िन्दगी से उलझनें की हिम्मत नहीं हमारी
इसलिए अब हम अपने अल्फ़ाज़ो से उलझते है!!-
देख कर मुझे अब वो नज़रे चुराने लगे है
महफ़िलो मै अब वो मुझे अजनबी बताने लगे है !!-