जब आया था यहां तो डायरेक्टर सर ने बहुत ही मान दिया था,
सुधीर सर ने भी अपने इस जूनियर क्लासमेट को पहचान लिया था,
हर काम को मैंने अपने बेहतरीन अंजाम दिया था,
कुछ कमियां,खामियां रही तो उनको दूर तमाम किया था,
याद रहेगा हर लम्हा जो मैंने यहां व्यतीत किया है,
अपना कार्य करते हुए वर्तमान को अतीत किया है,
MTCS के हर उस शख्स का धन्यवाद करता है ये 'शिव',
जिनके साथ शिक्षण का हर लम्हा जीया है,
जाते-जाते आप सभी को मेरा ये पैगाम है,
नईं ऊंचाईयों को छुए ये MTCS,
ये कहते हुए 'शिव' का इस प्रांगण को अंतिम सलाम है।।-
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💕माँ मेरी प्रेरणा और पिता जी मेरी अभ... read more
हुनर झुकने का मुझमें बहुत है मगर,
हर चौखट पर सजदा करूँ ये मुझे गवारा नहीं।।-
अपनी कद्र में वो अपने वजूद को पहचानता है,
असफल होता है मगर,
फिर भी वो दोबारा कर गुजरने की ठानता है,
यार,दिल है,तसल्लियों से कहाँ मानता है,
ये तो जिस पर गुजरती है बस वो ही जानता है।।-
कभी इनका हुआ हूँ मैं,कभी उनका हुआ हूँ मैं,
ख़ुद अपना ही नहीं हो पाया,मगर सबका हुआ हूं मैं,
मेरी हस्ती बहुत छोटी,मेरा रुतबा कुछ भी नहीं,
डूबते के लिए सदा 'तिनका' हुआ हूँ मैं,
मेरी शख्सियत को हमेशा याद रखेंगे वो लोग 'शिव,
न होकर भी जिनका हुआ हूँ मैं।।-
एक बंधन में बंधा, तो दूजा तीजा बंधन छूट गया,
करवाचौथ मनी तो हमसे,रक्षा बंधन रूठ गया,
एक बार जो मिल जाता है वो हर बार नहीं मिलता,
इस धरती कभी किसी को सबका प्यार नहीं मिलता।।-
लोग उनके प्रति आपके दृष्टिकोण में बदलाव को नोटिस करेंगे और आपको गलत मानने लगेंगे,
लेकिन उनके स्वयं के व्यवहार पर ध्यान नहीं देंगे जो कि आप में आये इस बदलाव का कारण है।।-
दौर ए इम्तिहान तो कब का चल रहा है,
कसक है तो बस वक़्त को इस्तेमाल करने की,
अब ज़रूरत है तुझे उसी शिद्दत की 'शिव'
जो कुंजी रही है हमेशा नाम ए मिसाल करने की।-
अभी तो कई बार गिराएगा ये जमाना तुझे, संभाल के रखना कदम अपने,
यह जानता तू भी है,मगर थकने ना देना ये कदम अपने,
दिखेंगे बहुत से मिलकर साथ चलने वाले क़दम से क़दम अपने,
पर यकीन खुद पे करना चाहे साथ चलें भले ही कितने क़दम बनकर अपने,
आंखों से ओझल ना कभी होने देना, जो ख्वाब सारे बुने हैं तूने,
चलता जा... ना देख मुड़कर पीछे चले हैं कितने कदम पे कदम तूने।-
इसलिये मिलो किसी से,कुछ कहो, या कुछ करो,
तो बस सलीका और तहज़ीब सही रखना।।-
माना के कोई आपका अजीज था,
और ये भी माना की वो तब आपके करीब था,
नसीब की बात है जानिब,वो नहीं नसीब में आपके ,
ये उसका ही नसीब था,
खैरियत ये रही इस रिश्ते में के ख़ुदा बस आपका रकीब था।।
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