दिल जैसे ग्लेशियर हैं
हर याद जैसे सागर हैं
तेरा अहद जैसे मुहाना हैं
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प्रेम के स्निग्ध स्पर्श से
देह के ग्लेशियर पिघलते गए
डूब गए प्रेम की नीली झील में
अनगिनत ,अविरल क्षणों तक
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क्या आप चाहते हैं कि
■ ग्लेशियर्स पिघल जाएं?
■ ओज़ोन परत में छेद हो जाएं?
■ ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ जाए?
यदि नहीं, तो
इस बार दीवाली पर "बिना तेल-बाती वाले दिए" जलाएं।
☺️फीको-एंड्रली☺️-
हृदय, जो कि
ऊष्मा सह सकता था
हो सकता था आह्लादित
प्रखर ज्वार से प्रेम के;
जिसमें अगणित सूत्र
बिंधे जा सकते थे..
उसे दिया भी गया तो क्या!
एक नभ?
नभ, जिसमें थे हज़ारों छेद
और कोई तारा नहीं।
(अनुशीर्षक में)-
गुलाब का दिन चारो ओर प्यार की
खुशबू बिखेर रहा था।
उस वक्त ग्लेशियर हादसा सब कुछ
तबाह कर रहा था।-
उत्तराखंड जोशीमठ में ग्लेशियर
टूटने से आयी जल त्रासदी में
काफी लोगों के हताहत होने की
खबर है। काफी लोग लापता हैं
और घायल हैं।
दिवंगत आत्माओं की शांति
के लिए प्रार्थना करते हैं
और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य
लाभ की कामना करते हैं।
सब सुरक्षित रहें।-
तेरा इश्क़ भी कुछ ग्लेशियर जैसा ही है
ये मेरे जिंदगी का जरिया भी है
पिघलेगा एक दिन और
लील लेगा मुझे वो दरिया भी है-