जिंदगी जीने का अपना अंदाज रखो
हर अंदाज में दफ़न कोई राज रखो
चेहरा देखें तो कोई रोता भी मुस्कुरा दे
जीने का सलीका ज़रा खुशमिज़ाज रखो
लाज़मी नहीं आवाज़ पड़े सब पर भारी
ख़ामोशी में भी ज़िंदा एक आवाज़ रखो
जमीं से है चाहत गर आसमां छूने की
पंख-ए-हौंसला संग अपने परवाज़ रखो
ना ठहरों होकर मायूस नाकाम माज़ी से
ब-जुस्तजू-ए-कमाल कोशिश आगाज़ रखो
नज़र से नज़र मिले तो दिल में हो हलचल
निगाहों में 'शायरा' निगह-ए-नाज़ रखो-
अवसर की क़ीमत यह है कि
जब मिलता है तब बहुत छोटा और बेकार का लगता है
और जब चला जाता है तब बहुत ख़ास और बड़ा लगता है...!!-
बुलबुल सी चहक कोयल सी मीठी आवाज़ है
और बताऊँ तुम्हें सबसे ज़ुदा उसका अंदाज़ है
मिल कर तुम भी ख़ुशी से भर जाओगे यकीनन
लब पर मुस्कान हमेशा वो बहुत खुशमिजाज़ है
एक राज़ की बात बताऊं उसकी हँसी का राज़
मुस्कुराती है मगर दर्द के दफन दिल में राज़ है
तहरीर लिखती है तो हर्फ दिल में उतर जाते हैं
एक दिन मशहूर शायरा होगी अभी आग़ाज़ है
हालात ऐसे हैं अपनी उम्र से ज़्यादा ज़िम्मेदार है
वो बहुत बहादुर है मुझे पीहू' पर बहुत नाज़ है-
तबियत मेरी पूछकर वो नासाज़ कर गए "माही"।
जो हर किसी से कहते हैं बहुत खुशमिजाज़ है हम।।-
खुदा की इनायत जैसे तुम्हारी मुस्कान हो,
तुम्हारी इबादत जैसे इलाही की पहचान हो,
झुके जब पलकें तुम्हारी उसके मीज़ान की जैसे तुम्हीं ईमान हो,
हुस्न के ज़ीनत पे तुम्हारे जैसे जन्नत भी मेहरबान हो,
चांदनी उस चांद की जैसे तुम्हारे हाथों की कमान हो,
अदाओं पे तुम्हारे जैसे पूरी कायनात ही कुर्बान हो,
अब शक क्या करें बनावट पे जब तुम खुदा की ही दी हुई पहली आज़ान हो,
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तु कितनी भी
खूबसूरत
क्युं ना हो
ए ज़िन्दगी
खुशमिजाज दोस्तो के
बग़ैर अच्छे नहीं लगते !!
!! गुलज़ार!!
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साथ बनाए रखिए दिल को अच्छा लगेगा।
उम्र का तकाज़ा नहीं मन भी बच्चा लगेगा।
खुशमिज़ाज धड़कनें,धक धक करता दिल,
तेरे संग से दोस्ती का मायना सच्चा लगेगा।-
फितरतन होते हैं
कुछ लोग खुशमिजाज़ ,,
उन्हें यू बात बात में
आँका न कीजिए!!
😊😊-