ऐ कलम सजा दे इन पन्नों पे मेरे ऐतबार की निशानी,
केे वो चाहें भी तो भूला ना सकें हमारे प्यार की कहानी...
— % &-
मन में सदा कामना रखते , एक जगत कल्याण।।।।
उस जुर्म की तलाश कर रहे हैं जिसकी ज़िन्दगी सजा दिए जा रही है,
ख़बर लगे याराें अगर तो कहना किस बात केे मज़े लिए जा रही है....— % &-
अधूरे जाम केे नशे में भी उस शाम का मैं साकी था,
तेरी ज़ीनत पे नज़रें गु़लाम हुई बस दिल देना बाकी था... — % &-
खु़दा ने पूछा क्या तूने देखा है कभी वो सितारा,
जिसके दीदार-एे-हुस्न को तरसता ये जग सारा,
जब देखा हमने महफ़िल से क़ायनात, तो
ज़मीं से फ़लक तक मशहूर हुआ इस चाँद का नज़ारा .....
-
तेरी झलक पाने को हमने खु़दा से गुज़ारिश कर दी,
कमबख्त बादलाें ने उसी रोज़ तड़प केे बारिश कर दी,
किस-किस से सवाल करते हम,
जब पुरी क़ायनात ने तुमसे बिछड़ने की साज़िश कर दी ।।।
-
शेर दिल हैं हम भूखा रहना मंज़ूर, मगर शिकार नहीं छोड़ेंगे
माना केे चूक हुई इस मर्तबा पर अगली बार तबियत से तोड़ेंगे....-
कांच और अहंकार में केवल एक ही अंतर है,
कांच टूटे तो दर्द ज़मीन को होता है, मगर
अहंकार टूटे तो दर्द ज़मीर को होता है.....-
वो दुश्मनी ही क्या जिसमें साज़िश शामिल न हो और वो मोहब्बत ही क्या जिसमें आशिक़ क़ातिल न हो....
-
तेरी आँखों के काजल की गहराई तो महज़ एक इशारा है,
अब किसी केे डूबने की वज़ह तो किसी केे जीने का सहारा है...-
जितना शांत हूँ मैं उतना ही शोर है तुझमे,
उड़ते पतंग से ख्वाहिशों की डोर है तुझमे,
सफर आसान नहीं एे ज़िंदगी, केे
खड़ा हूँ तेरे सामने दिखा कितना जोर है तुझमे...-