हाथ में चाय हो
यादो में आप हो
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो
☺️☺️-
खुशनुमा सुबह
हसीन नज़ारे
चहचहा रहे है
पंछी सारे
मद्धम-मद्धम
हवा चल रही है
घरों से गाए
निकल रही है
आसमान में भी
अज़ब सी हरक़त है
बदलो में
थोड़ी थिकरन है
अरुण्यमयी सूरज
निकलने को है
मजदूर घर से
चलने को है....-
हमारा ख्वाब
जो जन्नत से चलकर
फिजाओं का रुख बदल कर
ज़िन्दगी को महकाता हुआ
हमारी रूह को खुशनुमा करता ।।
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ने हमें यूँ तन्हा कर दिया की
खुद में सिमट के रह गए हम
आज ज़िन्दगी की तमाम
खुशीयो से अनजान है हम
जाने वक़्त की कश्ती ज़िन्दगी
का सफर खुशनुमा बना देगी
या एक मोड़ पे आकर हमेशा
के लिए डुबो देगी ।।।
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मुस्कुराती हुई सुबह से जब दिन का आगाज़ हो,
तो जिंदगी यूं लगे कोई खुशनुमा सा साज हो।
सुकून की परछाइयां ऑंखों में छिटकने लगें,
आसमां तक फैली हुई ख्वाबों की परवाज़ हो ।
कल्ब में राहत-ए-दौर चल रहा हो और ,
इश्रत-ए-इश्राक हो तबियत गमों की नासाज़ हो।
मन-मयूर नाच उठे और होंठ लगे गुनगुनाने,
खुदा करे कि हर रोज यही जीने का अंदाज़ हो।
मौज़-ए-नशात धीरे-धीरे तन-बदन में उतर जाए,
लगता है मानो जैसे तकदीर का कोई एजाज़ हो।
गर्दिश-ए-अय्याम बीत जाए इब्तिसाम का आलम हो,
और होंठों पर थमे-थमे बस सुकून भरे अल्फ़ाज़ हों।
.......... निशि ..🍁🍁-
चाय खुशनुमा यादों को सजाती है
तो दुःख के लम्हो मे भी साथ निभाती है
एक सच्चे दोस्त की तरह ही हरपल याद आती है
मेरी चाय मेरी यादो मे एक नई तस्वीर बन सज जाती है
GOOD MORNING 🙏-
लगता है आज मौसम खुशनुमा है।
हुई नहीं बारिश फिर भी वो भीग रही है।-
उसकी याद जब भी आती है
अपने साथ अल्फाज़ लाती है
गर लिखना भी चाहूं कुछ खुशनुमा
तो कलम की स्याही दर्द बयां कर
जाती है-
खिला था एक गुलाब ख़्वाब में मेरे
बाकि है ख़ुश्बू उसके मुरझाने के बाद-