उसके गुरूर में वो नूर था,
वो खुद ही खुद में मशहूर था,
वो अपने अस्तित्व से मजबूर था,
वो मेरा महबूब मुझसे बहुत दूर था...!!-
लेकीन...!
मुझे पसंद हैं खजूर😋
अगर वो न मिले....
तो हो जाए सब चकनाचुर।।
😕😕
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आसमाँ से गिरो,
खजूर में अटको!
खजूर तोड़के
दो हमको!
छुट्टी मिलेगी
तुमको!-
गाँव के मोड़ पर खड़ा है बरसों से एक खजूर
जिस पर बसा है पीढ़ियों से बया का पूरा एक गाँव
जो बनाती है सुन्दर घोसलें
बरसात आने से पहले
जैसे गाँव में रखे जाते थे पहले छप्पर
जो उन नन्ही सी चिड़ियों ने,
न जाने कितने महीनों की कितनी लंबी उड़ानों के बाद
बनाया हुआ होता है
कई दफा आंधियों ने उनके घर उजाडे़ है
वो कई कई रातें बिना घर के रही है
उन आँधियों से गिरे घोसलें पाकर जो बच्चा होता था खुश
उसे आज उन्हीं घोसलों के गिरने का होता है बहुत दुख
पर हमने कभी बया को नहीं देखा
किसी से करते शिकायत या सुनाते अपना दुःख
वो शायद करती होगी रातभर खुद से ही शिकायत
जो अगली सुबह मै देखता हूँ उसे दोगुनी शक्ति से
अपना नया घर बनाते
हाँ अब
खजूर का पेड़ हो चला है बूढ़ा गिन रहा है अन्तिम सांसें
उसके गिरने से पहले हमें
खजूर के कुछ नए बीज बोने होंगे जिससे
ये गांव बसे रहे और बचे रहे .... पीढ़ियों तक
वरना उस अकेले पेड़ के गिरते ही उजड़ जाएगा
" बया का पूरा एक गाँव "
हाँ वो नहीं उड़ेंगी कभी किसी शहर की ओर
वो उडेंगी किसी और गाँव के किसी और खजूर
के पेड़ को अपना गाँव बनाने .... उसे गुलजार करने-
मेरे एक हफ्ते में दो Sunday आते हैं
फिर भी कम पड़ जाते हैं
बिल्कुल खजूर के पेड़ की तरह
राहगीर को छाया नहीं
फल भी ऊंचाई पर पाए जाते हैं-
छोड़के अब वो तेरा ठिकाना,दर-दर ऐसे भटके हम आसमान से गिर के जैसे ,खजूर पर हों लटके हम
साथ तुम्हारे जो दिन गुजरे, कितने सुकूं भरे थे वो
अब तेरेबिन तुमही बताओ, किसके रहेंगे लिपटे हम तुमने भी क्या संगदिली से,साथ मेरा यूं छोड़ दिया
तुम ही बताओ कैसे सहेंगे ,इतने सारे झटके हम
कभी अचानक जुदाभी होंगे,यहतो कभीनहीं सोचाथा अबतक तो हम इतने पास थे,एक दूजे से सटके हम दुनिया कि इस तंगदिली ने,कितने जुल्म किए हमपर आंसू खून के भी आए पर,दोनों मिलकर गटके हम
दर-दर ऐसे भटके हम.........-
💯🐾🎀🎉🎊✍️"खजूर की बीजें"💯🎉🎊🎀🐾✍️
...
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सोचा था वो बीजें कभी न
अपने घर से कहीं दूर भी जाएं।
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रखा था उनको पास तभी मैं
सोच के उनको अब यहीं लगाएं।
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है खजूर जो उपयोगी इतना कि
आयरन का यह अब स्रोत बना है।
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है बीज फाइबर का स्रोत कि अब तो
इनके बीजों को भी खाना नहीं मना है।
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छत जाते वक्त बीजों को मैं साथ लिए तभी जाता था।
सोचता था वो सूख जाएंगे तो सूखा वहाँ मैं आता था।
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पढ़िए बहुत कुछ समय मिले तो और भी जानें आप सभी जन!
फायदेमंद है खजूर सबके लिये तो, खाने का कभी बनाएं मन।-
आसमान बाप सा बरसता है
वो किसे थामता है ! साहब
गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर
धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी!-