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हर रात कुत्तो को रोटियाँ सौंप के
मै उनके संग जश्न-ए-दोस्ती मानता हूँ
कि बख्त़ नहीं है जी-हुजूरी का
मैं अपनी बारी का इंतज़ार करता हूँ ।।-
यूँ बदनाम ना कर बिरादरी कुत्तो की,
ये वो हैं जो किसी गरीब के बेटी को बचाने की खातिर,
इंसानी भेडियो से लड़ जाते हैं.....!-
ये तो कुत्ते है इनकी आदत है पीठ पीछे भौकने की,
ये सिर्फ भौकेगें इनमे हिम्मत कहा हमे रोकने की।-
कुत्ते सड़क पे घूम रहे हैं,
पेड़ के ऊपर बंदर,
बिल्ली हैरानी से देखे,
मानव घर के अंदर..!
पिंजरे में मिट्ठू ये सोचे,
कैसा है ये मंजर?
कांव कांव कर कौवा पूछे,
कैसी रही सिकंदर?
बूढ़ा उल्लू रात में पढ़ता,
कोरोना के मंतर,
गधा भी इतराता है देखो,
बनकर मस्त कलंदर..!
सिद्धार्थ मिश्र
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तुम्हारे शौक होंगे कुत्ते बिल्ली के
मेरी वाली नागिन पाले बैठी है-
कभी तो कहीं वफादारी निभालो ओ इंसानों,
या वफ़ाका ठेका सिर्फ़ कुत्तो ने ही ले रक्खा है!-
हमारे लिए भी रातें हसीन होती...
ग़र सड़कों पे आवारा कुत्ते ना घूमते...-