QUOTES ON #कर्मफल

#कर्मफल quotes

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4 MAR AT 21:39

कर्मफल की पुस्तक में...
लिखी है सबकी कर्म कहानी..!
क्या साधु...क्या संत गृहस्थी
क्या राजा... क्या रानी...!!

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*प्रभु न दंड देता है*
*प्रभु न माफ करता है..*
*वो तो कर्म-फल तराज़ू है*
*जो बस इंसाफ करता है..*

*सुख दुख का बटन*
*तेरे ही हाथ में है बन्दे..*
*तू ख़ुद ही ऑन करता है*
*तू ख़ुद ही ऑफ करता है..*

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27 OCT 2020 AT 20:33

अपना दिल साफ रखना चाहिए,
क्यूँकि,
हिसाब कमाई का नहीं कर्मों का होता है।।

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9 JAN 2020 AT 18:29

जब मृत्यु निकट खड़ी होगी
और खोला जाएगा
कर्मों का बहीखाता,
होगा हिसाब
शेष बचे कर्मों का
तब केवल "धर्म" ही होगा
मेरा
एकमात्र "सहचर"

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17 DEC 2018 AT 7:49

जलाया क्यो गया है मेरा आशियाना
इसका मुझे जवाब चाहिए
कौन से गुनाह की सजा है ये
लेखा जोखा सब हिसाब चाहिए....

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5 NOV 2018 AT 20:34

बहुत पहले की बात है एक आदमी रोज मंदिर में जाता था वह हमेशा सत्कर्म करता था वहीं दूसरी तरफ एक बहुत बुरे कर्म करता और पूजा-पाठ बिल्कुल भी नहीं करता था |
एक दिन जब वह पूजा पाठ करने के लिए मंदिर जाता है तो रास्ते मे उसके पैर में कांटा चुभ जाता है और वहीं दूसरी तरफ उस अधर्मी इंसान को सोने का एक सिक्का मिलता है.....तो इस पर वह भला इंसान पुजारी से पूछता है कि ये कैसा न्याय है भगवान का?? अधर्मी को सिक्का और धर्मी को सूल!
तो इस पर पुजारी जी कहते हैं कि तुम्हारे पिछले जन्म के कर्मों से तुम्हें सूली पर चढ़ना था पर तुम्हारे इस जन्म के अच्छे कर्मो की वजह से तुम्हें बस पैर में कांटा चुभा...वहीं इसे एक बड़ा घड़ा मिलना था सोने से भरा हुआ पर इसके इस जन्म के कर्मो की वजह इसे बस एक सिक्का मिला ||
कर्मो का फल अवश्य मिलता है तो पेरशान ना हो कि मुझे ये क्यो मिला या उसे ये सब क्यो मिला ||

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18 OCT 2018 AT 10:17

सोचते है ..
कागज कलम ले कोई हिसाबी
बैठा भी है..
या मन बहलाने का
बस बहाना मात्र है..

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24 MAY 2024 AT 15:48

बात करने से बात बनेगी, ख़ामोशी से तो बात बिगड़ जाएगी।
को करना है कहना है, आज कह ले साथी, ज़िंदगी गुज़र जाएगी।

समय तो एक रेत का दरिया है, बहता ही रहता है अपनी धुन में।
जो इसका सदुपयोग नहीं किया तो इसकी तीव्र धारा उड़ जाएगी।

कि अच्छे समय का ऊँट न जाने किस करवट बैठेगा मेरे भाइयों।
ये क़िस्मत की सोन चिरैया देखना एक दिन उड़कर ज़रूर आएगी।

हमारे बारे में क्या कहता है ज़माना हमको कोई परवाह नहीं है।
देखना हमारे कर्मों की बारिश एक दिन उनको भी तर कर जाएगी।

बचपन से भटक रहे हैं अच्छी ज़िंदगी की तलाश में कब आएगी।
दिल कहता है एक न एक दिन ज़रूर मुलाक़ात होगी, किधर जाएगी।

कि क़ब्र खोदने में लगे हुए है कई लोग आज कल हमारी दोस्तों।
मैं तो छलांग लगाकर आगे बढ़ गया, शायद उनके काम आएगी।

हमको तो अच्छा लगता हैं "अभि" सुबह से शाम तक काम करना।
जल्द ही हमारी मेहनत की मटकी भर जाएगी, अमृत बाहर आएगी।

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24 MAR 2020 AT 15:45

हो आम मनुज या हो महान,
प्रकृति समक्ष सब है समान।

प्रकृति नहीं करती भेद-भाव,
वरदान, दण्ड सब एक-भाव.........

( Full piece in caption)

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8 SEP 2020 AT 11:52


तुम्हें नहीं पता हम कहा से गुजरे
जहां तुम रुक गए थे हम वहां से गुज़रे
तब जाके ये बुलंदी पाई
तुमने जिसको किस्मत बताई

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