QUOTES ON #कर्तव्य

#कर्तव्य quotes

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15 SEP 2020 AT 10:04

तन से दूर हो जाती हो
तन की 'सुगंध' जैसे
बेटी 'विदाई' में
रोती है 'प्रेम' को
विलखती है
'प्रेम' में.....

निषिद्ध उपासक की भांति
'पिता'
खड़ा होता है
किंकर्तव्यविमूढ़ होकर...

'कर्तब्य' भी कितने...🤔
'पराये' होते है आखिर...😔

'दर्द' कितना भी हो
मर्द की आँख से आँशु😢
यूँ ही तो नही
'छलक' जाते...

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3 SEP 2018 AT 8:47

देश की सबसे बड़ी समस्या ये हैं की
यहां देश की समस्या को लोग
देश की समस्या समझते हैं, अपनी नहीं।

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27 FEB 2019 AT 13:52

प्रकृति भी
अपनी रचनाओं,
से अटूट रिश्ता,
सिद्ध कर देती है।

जब तेज़ हवा,
सूखे पत्तों और,
मुरझाए फूलों को,
अपने अदृश्य कधों,
पर लेटा,
धरती तक पहुँचा,
मिट्टी से दफ़ना,
अपना अंतिम कर्तव्य,
निबाह कर लेती है।

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17 JUL 2021 AT 9:22

मेरे अंदर एक प्रकाश जन्मा है ,
एक नए जीवन में प्रवेश मिला है ...
जरा-सा सहमी हू मैं ,
कुछ पलो के लिए ठहरी हू मैं ...

दायित्व का बोध हुआ हैं ,
गुंजन हुई है कुछ हृदय में !
मेरे सर्वस्व की वो पहचान होगा ...
ताप का हर्दय रखना होगा ,
उसके पालन में ...
और रखना होगा आंचल में ,
कर्म .. संस्कार को जीवित ....

तब ही कहलाऊंगी मैं ....
एक सम्पूर्ण .... "मां"
तब मेरे अस्तित्व निखार होगा ....

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3 DEC 2018 AT 11:08

।।मोह व्यक्ति को कर्तव्य विमुख कर देता है।।

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2 JUN 2020 AT 13:17

मैं किसी का बुरा ना करु, यह धर्म है मेरा
अच्छे से सबके साथ रहूँ , यह कर्तव्य है मेरा
जो मेरा बुरा करे ,वो कर्म है उसका
स्वयं की ख़ुशी के लिए , लोगों में परिवर्तन चाहूँ
यह व्यक्तित्व नहीं मेरा!!

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3 JAN 2018 AT 22:01

गुंजाते हैं जब हम सड़कें हक मांगते नारों से यहां
लाल रंगोलियां सडकों की हंसती हैं असलियत पर हमारी!

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31 MAY 2020 AT 6:24

जिम्मेदारियां
हर रात उनके चहरे पर चिंता होती हैं।
राते उनकी सोती आँखे जागते रहती हैं।
होंठ मुस्कुराते हुए कितने गमो को छुपातेहैं।
बच्चों की फरमाइश पूरी ना कर
पाने पर वे मन ही मन बहोत पछताते हैं।
आइये आज मिलकर एक वचन ले
अपने पालनहार अपने माता पिता
का सुरक्षा कवच हम बन जाये।
उनकी जिम्मेदारियों में हाथ से हाथ मिलाए।
बेटा हो या बेटी अपना कर्तव्य निभाये।

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5 APR 2019 AT 20:14

जरूरी नहीं है कि आप जो
चाहते हो वो आपको हमेंशा मिले..
लेकिन ना मिलने पर उसके लिए
कार्यरत रहना आपका कर्तव्य है..!!

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21 JAN 2019 AT 20:45

जहाँ काम नही बनता शस्त्रों से
वहाँ काम बन सकता है विचारों से,
जब रोशनी कष्ट देने लगे
तब काम चलाया जाता है अंधकारों से ,
समाज को मोड़ने के लिए पतन की राहों से
उसे सबक सिखाना होगा मानवता का
कलम की पैनी धारों से |📝

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