जो मान लो तो कृष्ण हूँ ना मानों तो कंस हूँ
सच कहूँ तो आपके नजरिये का ही मैं अंश हूँ।-
स्त्री अपमान में तीनो गए प्राण,गौरव और वंश
ना मानो तो देख लो रावण,कौरव और कंस...!!
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इस जग में जो भी हुआ, सब मेरे ही अंश
चाहे हो दशानन वो, या शकुनी या कंस-
एक कृष्ण को मारने के लिये कंस ने
जाने कितने बच्चों को मौत के घाट उतारा,
फिर उस द्वापर युग में भगवान ने
कृष्ण के रूप में अवतार लिया
बढ़ गया है पापों का घड़ा इस कलयुग में
मासूम बच्चों की साँसे छीन कर
भर रहे हैं जेबें अपनी आज के कंस और दुर्योधन,
आ भी जाओ हे! कृष्ण कि
धरती पर फिर जन्माष्टमी हो।
हो जाये एक और महाभारत
और दुष्टों का समूल नाश हो।-
"हे प्रभु, बहरूपिए ना भेज इस धरा पर
कृष्ण रूप में कंस मजे कर रहे लूट मचा कर
कृष्ण अवतरित हो संहार करें फिर कंस पर
शुद्ध वायु प्रदान कर उपकार करें इस धरा पर"-
अहमता,ममता मिटती है,
हर शख्स को जाना है ,
फिर नशे में डूबा क्यों ,
आज यह जमाना है ।।
कृष्ण की कहानी हो,
या कंस का फसाना हो ,
कितना भी उड़े आदमी ,
जमीन पर ही आना है।।
सुधा सक्सेना(प़ाक रूह)-
कृष्ण बनते हैं, कंस के लिए।
और विवेकानंद बनते हैं,
परमहंस के लिए।-
कृष्ण जन्माष्टमी तुम भले ही धूमधाम से मना लो लेकिन जब कभी किसी राधा को कान्हा से प्रेम हो जाए तो तुम कंस मत बन जाना
#राही
#कृष्णजन्माष्टमी
🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
होने लगे जब अत्याचार ये पाप मिटाना पड़ता है
विष्णु को बन कर कृष्णा धरा पे आना पड़ता है
बन गए अगर तुम कंस तो सुन ये मूल्य चुकाना पड़ता है
धर तांडव रूप कृष्णा को सुदर्शन उठाना पड़ता है
हो सके तो बन सुदामा कंस नहीं तुम बनना रे
सुदामा के खातिर कृष्णा को नंगे पांव दौड़ना पड़ता है
है अमिट शक्ति भक्ति में इसका मूल्य तुम जानो रे
भक्त के खातिर कृष्णा को सारथि बनना पड़ता है
हैं निवेदन "सुब्रत" की कुछ ऐसा तुम करना रे
हो धरा ये स्वर्ग हमारी निर्मल मन तुम करना रे
हो अगर मातृत्व की शक्ति सबको झुकना पड़ता है
अनुसुइया के पलने में त्रिदेव को खेलना पड़ता है।।
Date:- 21 अगस्त 2©17-