तपती भूख
अलाव सपनों के
बुझाई क्षुधा
निर्जीव देह
आंचल है निर्मोही
मासूम दृष्टा
ठिठुरा चूल्हा
आश्वासन की आँच
भूख क़ायम-
सबसे कठिन आसन है आश्वासन
सबसे लंबा श्वास है विश्वास
सबसे कठिन योग है वियोग
सबसे अच्छा योग है सहयोग-
आजकल बहुत से लोग नेताओं की तरह होते हैं शुरुआत में बड़ी-बड़ी बातें कर, आश्वासन देकर भूल जाते हैं और उन्हें कभी निभाते नहीं है, ना ही उन्हें कभी पूरा करते हैं और वह बातें यूं ही रह जाती हैं, किसी कोने में।
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मन का काम है झूठी उम्मीदें बनाए रखना,
तुम्हें नश्वर के प्रति झूठा आश्वस्त रखना।-
कांग्रेस, भाजपा और आप
सब आस्तीन के साँप,
आश्वासन है कि होगा विकास
यह तो बस सियासत का खेल है साहब।
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देऊन गेला पाऊस आश्वासन धरणीला
येणार ठरलेल्या वेळी मी पेरणीला
होऊ नको उदास सांग तुझ्या मालकाला
धीर दे तूचं या जगताच्या चालकाला
झालाच थोडा उशीर तर खचून नको जाऊस
तुझ्यासाठी पडणार मी होऊन पाऊस
तुटून पडतं तुझ्यावर जिवापाड आभाळ
काळजी तुझ्या जीवाची भरून येतं ढगाळ
नको समजू खोटं या प्रेमळ आश्वासनाला
जलद येई भेटाया नभ तुझ्या तनाला
-©शब्दपौर्णिमा...✍️-
समय की टहनी पर
वो अटका हुआ पल
गहरी अंधेरी रात घुप्प
शांत...चुप ...।
कौंध कर चुभ जाता है
वो दृश्य...
फुटपाथ के नुकीले
पत्थर के जैसा...।।
अपनापे की बाँह का
तकिया सजाए..
सोया है उस माँ का भविष्य
शांत...निश्चिंत..।।।
कल यही बेटा उसे...
घर मड़इयाँ ...मुहैया
करायेगा ...वक़्त ...
दे रहा है जैसे ...आश्वासन...।।।।-
जब प्रीतां प्रभु नाल ला बैठे,
तां पीड़ पराई की जाना,
सानू झूठा आश्वासन ना देवो सखीयो,
उस नटखट ने फेर छुप जाना,
इहना अखीयां नू, आस मिलन दी,
कोई रोवे बिरहन मिलन दी आस विच,
कोई मेरे कृष्णा नू जा स्नेहा ला देना।
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आयेंगे तेरे पास लौटा तो ना दोगी?
साथ देने के बजाए कोई आश्वासन तो ना दोगी?-