Calmkrishna   (Calmkrishna)
2.3k Followers · 170 Following

सहज, शांत, उन्मुक्त ।
Joined 22 May 2018


सहज, शांत, उन्मुक्त ।
Joined 22 May 2018
2 MAR AT 12:00

किसी को छू लेना
और
किसी को छू जाना
दोनों अलग अलग बातें हैं।

-


2 MAR AT 11:56

पुरुष हृदय असल में होता है बर्फ़ जैसा कठोर,
जो स्नेह के ताप से बह जाता है पानी सा।

-


17 FEB AT 8:39

सब दूरियों का मतलब खोना नहीं होता,
हर बिछड़न पर दोस्त रोना नहीं होता,

उम्र गुजर जाती है, एक घर में साथ रहते,
पास रहना ही , पास होना नहीं होता।

-


16 FEB AT 16:30

सत्य का कोई रास्ता नहीं होता,
सब रास्ते माया के ही होते हैं,
उन रास्तों से होते हुए सत्य तक पहुंचा जा सकता है।

-


11 FEB AT 22:53

संग हवा बह जायेगा एक झोंका मिले बस,
हर कोई बेवफ़ा है एक मौका मिले बस।

-


2 FEB AT 15:52

सोशल मीडिया, अख़बार, टीवी या अपने आसपास की घटनाओं के बारे में बात करते हुए लोगों के मुँह से हमने अक्सर सुना होगा, "कैसे-कैसे लोग हैं दुनिया में?"

यह कहते समय इंसान खुद को उन 'कैसे-कैसे लोगों' से अलग कर लेता है, और इसी तरह दुनिया में 'कैसे-कैसे लोग' बने रहते हैं।

-


2 FEB AT 15:20

ठंडे फर्श पर बैठकर, ऋषभ रीखीराम शर्मा का मधुर सितार 'चाणक्य' सुन रहा हूं। जनवरी में गोवा की आबोहवा रेगिस्तान में फाल्गुन के दिनों जैसी प्रतीत होती है। अर्धांगिनी जी ने ताजा तरबूज के रस का गिलास हाथ में थमा दिया और बोलीं, "चलो, आपके बालों में मेहंदी लगा देती हूं। ऑफिस तो जाना नहीं।"

शीतल जमीन पर बैठे हुए, ठंडे रस का आनंद लेते हुए, कानों में मधुर सितार का श्रवण और नथुनों में हिना की भीनी-भीनी खुशबू, अर्धांगिनी के कोमल पोरों का स्पर्श — इस दैवीय अनुभूति को ऑफिस में 90-100 घंटे काम करने की वकालत करने वाले नहीं समझ सकते।

मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि छुट्टी के दिन पत्नी को पूरे दिन ताड़ने के अलावा भी कई काम होते हैं, यदि आप अंदरूनी रूप से जीवंत और सृजनात्मक हैं।

-


2 FEB AT 14:40

आदमी का यह दुर्भाग्य है कि वह जीवन को नहीं, जीवनचर्या को वक्त और तवज्जों देता है।

-


29 JAN AT 12:13

किसी को मिन्नतों बाद भी नहीं मिले,
किसी के पांव की ठोकर में आ गए।

-


29 JAN AT 12:11

बहुत दिनों बाद रोया हूँ,
बहुत देर तक रोऊंगा।

-


Fetching Calmkrishna Quotes