QUOTES ON #अवतरण_दिवस

#अवतरण_दिवस quotes

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14 SEP 2024 AT 19:27

कल (13 सितंबर को) मेरे अवतरण दिवस पर आप सभी के असंख्य अवतरण दिवस संदेश व शुभकामना संदेश से मैं अत्यंत भाव विभोर हूँ और आप सभी के प्रति अपनी आत्मिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ व आशा करता हूँ कि आजीवन यूँही आप सब का ये निः स्वार्थ प्रेम, सहयोग और अपनापन मुझे मिलता रहेगा और यह जीवन यूँही सुख व समृद्धि संग व्यतीत होता रहेगा, एक बार फिर से आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ, धन्यवाद।
आपका अभि ❤️

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27 AUG 2020 AT 0:28

Today is my birthday🎂🎂
❤️❤️❤️☺️🙂😊❤️❤️❤️
27/08/1996

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15 DEC 2024 AT 21:25



बाल मन सी ;
ख़ुद में खोई खोई सी

चल निकली मैं
ख़ुद ही ख़ुद की खोज में

नाजुक़ इतनी छुई मुई सी
शब्द शब्द ऐसे मोहपाश
में उलझा लें

करती रहती बातें मृत्यु की
बन जाए सखी ये शत्रु की

रहती मैं अपनी बुने संसार में
खोई खोई सी

बाल मन सी
ख़ुद में खोई खोई सी ||

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28 JUL 2020 AT 7:53

आज जिनके लिए ये दिन खास है
🎉उनका शुभ नाम विहान है🎉
🎉जो सबसे बड़ा शैतान है🎉
🎉वही तो सब की जान है🎉
उम्र उसकी एक साल है लेकिन
शैतानी से करता सबका बुरा हाल है
आता छोटे क़दमों की जो चाल है
करता सबका दिल बाग बाग है

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27 SEP 2024 AT 7:57

🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂


जन्मदिन मुबारक

भोर की उजली किरण लेकर आई शत शत खुशियाँ
स्वर्णकणिका को जन्मदिवस की लखलख बधाइयाँ।

बांसुरी जन्मदिवस पर तुझको क्या दे हम उपहार।
करते हैं ईश्वर से दुआ कि तुम्हारा सुखी रहे संसार।

अवसर है जन्मदिन का , शुभकामना है तहेदिल से
स्वस्थ रहे ताउम्र तू गुजरे खुशियाँ तेरी महफ़िल से।

सुधा गोयल

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5 JAN 2021 AT 8:39

बाग-ए -जीस्त सदा ही शादाब रहे।
मिज़ाज़ तितलियों जैसा महक सदा गुलाब की रहे।।

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1 JUL 2020 AT 15:30

आज का दिन हमारे लिए किसी भी त्योहार से बढ़ कर है
क्योंकि आज हमारे देवतुल्य बब्बा (बाबूजी)का
अवतरण दिवस है

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25 DEC 2023 AT 10:04

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16 JAN 2024 AT 19:37

जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं दीदी ❤️
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भाव और शब्दों की पवित्र सिमरनी महके ज्यूँ,महक हो रजनीगंधा की।
तुम संग नेह लगाकर बैठी हैं कबसे,भाव विभोर ये लहरें पावन गंगा की।।

कालिदास की ऋतुसंहार सी तुम, प्रेममयी,सरिता सी,त्यौहार सी तुम।
मीठी सी यह मुस्कुराहट अधर सजी रहे यूँ हीं,बौद्ध थेरवाद के अरिहंता सी।।

तुम जश्न लिखो, मंगल गाएँ दिशाएं,दी' तुम सुबह लिख दो तो छंटे धुंध।
तुम गति लिखो तो जागे सोया युवा,हो तत्पर छूने शिखर कंचनचंगा की।।

जुगों-जुगों बना रहे यूँही स्नेहिल संग आपका,प्रार्थना यही लोभी मनकी।
प्रेम का प्रति-उत्तर प्रेम लिखूँ दी,'ख्याति बिखरती रहे चहुंओर सारंगा सी।।

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